April 25, 2024

रहने के लिहाज से राजधानी लखनऊ देश भर में 73वें स्थान पर

रहने के लिहाज से देश के 111 शहरों की रैंकिंग में यूपी का एक भी शहर शीर्ष 10 में नहीं है। रैंकिंग में पीएम नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी प्रदेश में तो अव्वल है लकिन पूरे देश में 33वें स्थान पर है। वहीं, स्मार्ट सिटी बनने जा रहा लखनऊ, नागरिक सुविधाओं में बुरी तरह पिछड़ गया और रैंकिंग में 73वें स्थान पर रहा। सबसे निचले पायदान पर रामपुर है। वहीं, महाराष्ट्र का पुणे रिहायश के लिए सबसे बेहतरीन शहर है।     

केंद्रीय आवास व शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को सूची (ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स) जारी की। करते हुए बताया कि बेहतर नागरिक सुविधाओं के मामले में दूसरे स्थान पर नवी मुंबई और तीसरे नंबर पर ग्रेटर मुंबई हैं।

बीते चार सालों से मिशन मोड में चल रही योजनाओं से शहरी ढांचे में बुनियादी बदलाव आया है। आज इसके आकलन के आधार पर मिले परिणाम जारी किए जा रहे हैं। इंडेक्स के आधार पर संस्थाओं व निवेशकों समेत आम लोगों के पास चयन का विकल्प रहेगा।   
 
दरअसल, केंद्र सरकार ने जनवरी 2018 में शहरों की सुविधाओं के आधार पर इस कार्यक्रम की शुरुआत की थी। रैंकिंग में तुलनात्मक आधार पर यह पता करना था कि कौन सा शहर बेहतर है और किस शहर में सुविधाएं खराब हैं।

इसमें 100 स्मार्ट शहरों के साथ 10 लाख से ऊपर की आबादी के 16 शहर शामिल किए गए। लेकिन पश्चिम बंगाल के चार शहर शामिल नहीं हुए। मानकों पर खरे न उतरने के कारण नया रायपुर व अमरावती को छोड़ दिया गया। इसमें गुरुग्राम को शामिल किया गया। 

राष्ट्रीय स्तर पर यूपी के इन शहरों को मिला ये स्थान

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वाराणसी-33, झांसी-34, गाजियाबाद-46, रायबरेली-49, आगरा-55, लखनऊ-73, कानपुर-75, बरेली-81, अलीगढ़-86, मुरादाबाद-89, इलाहाबाद-96, मेरठ-101, सहारनपुर-103 व रामपुर-111

इन मानकों पर शहरों को मिला है रैंक
गवर्नेंस, सभ्यता एंव संस्कृति, शिक्षा का स्तर, स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति, सुरक्षा व्यवस्था, सार्वजनिक खुले स्थान, आवासीय एवं बुनियादी सुविधाएं, शहर की आर्थिक एवं रोजगार सृजन की क्षमता, शहर का घनत्व, विद्युत आपूर्ति एवं सुनिश्चित पेयजलापूर्ति, परिवहन एवं गतिशीलता, जल संरक्षण एवं निस्तारण, कूड़ा निस्तारण एवं प्रदूषण नियंत्रण की स्थिति।

फिर सामने आई सरकारी मशीनरी की सुस्ती
स्वच्छता रैंकिंग के बाद अब शहरों में मूलभूत सुविधाओं के लिहाज से तैयार किए गए सूचकांक से एक बार फिर से प्रदेश के नगर विकास विभाग के अफसरों का सुस्ती सामने आई है। खास तौर इस सूचकांक में भी लखनऊ के पिछड़ने के लिए अफसरों की नाकामी को ही वजह माना जा रहा है। सरकारी मशीनरी की सुस्ती का ही नतीजा है कि स्मार्ट सिटी में चयनित नहीं होने के बाद भी रायबरेली स्मार्ट सिटी में चयनित लखनऊ, कानपुर, बरेली, अलीगढ़, मुरादाबाद, इलाहाबाद व सहारनपुर से आगे निकल गया है। इससे भी स्पष्ट हो गया है कि स्मार्ट सिटी वाले शहरों में विकास की प्रगति काफी खराब है। इससे पहले स्वच्छता सर्वेक्षण में इन बड़े शहरों की स्थिति काफी खराब पाई गई थी। पिछले दिनों शहरी विकास के मुद्दे पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में भी यूपी के किसी भी शहर को अवार्ड नहीं मिल पाया था।

ए-1 श्रेणी वाले स्टेशनों में जोधपुर नंबर एक व जयपुर नंबर दो पर

रेलवे ने स्टेशनों की स्वच्छता रैंकिंग जारी की है। इसमें उत्तर भारत के स्टेशन काफी पीछे हैं। ए-1 श्रेणी में देश के सबसे स्वच्छ रेलवे स्टेशनों में जोधपुर नंबर एक पर है और जयपुर स्टेशन नंबर दो पर है। देश की राजधानी दिल्ली का आनंद विहार, जहां से पूर्वांचल की ट्रेनें रवाना होती हैं, इसका नंबर पांचवां है तो नई दिल्ली स्टेशन 39 वें स्थान पर है। पुरानी दिल्ली 54वें स्थान पर है। ए वन श्रेणी वाले स्टेशन में सबसे खराब प्रदर्शन मथुरा का है तो ए श्रेेेणी वाले स्टेशन पर सबसे निचले स्तर पर शाहगंज स्टेशन है।


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