हालचाल के लिए फोन और मुन्ना बजरंगी के पास पहुंच जाती थी रंगदारी, बिल्डर और ठेकेदार भी चढ़ाते थे हर महीने चढ़ावा
हैलो! कैसे हैं डाक्टर साहब…। बेटे का जिस इंस्टीट्यूट में एडमिशन कराया है, वह बहुत अच्छा है। वहां मौसम भी बहुत अच्छा रहता है। अब बिटिया को भी ऐसे ही कहीं भेज दीजिए। वह भी इंटर कर चुकी है…। हमारे लायक कोई जरूरत होगी तो वहां अपने काफी लोग हैं। कभी भी बोल दीजिएगा।…अच्छा आपको एक काम के लिए फोन किया था…। अपने आदमी को आपके पास भेजा है…देख लीजिएगा। जिलों में तैनात विभागों के बड़े अधिकारियों के पास मुन्ना बजरंगी और उसके गुर्गे ने जेल के अंदर से कुछ इस अंदाज में फोन कर दहशत फैलाते थे।
डर का माहौल बनाकर अपने ठेके-पट्टों का काम तो कराते ही थे। ऐसे कई फोन काल क्राइम ब्रांच और एसटीएफ की टीमों ने ट्रैक भी कीं। जौनपुर के एक बड़े डाक्टर से उसने 50 लाख की फिरौती वसूली ली। वहीं का एक और डॉक्टर भी उसके निशाने पर था लेकिन डॉक्टर की किस्मत अच्छी थी…बात 75 लाख में तय हुई थी…लेकिन उससे पहले ही मुन्ना बजरंगी की जेल में हत्या कर दी गई। ये कुछ ऐसे उदाहरण हैं, जो जेल में बंद मुन्ना बजरंगी के जरायमपेशे की गवाही देते हैं।
बताते हैं कि पूरे पूर्वांचल के ठेकेदार-बिल्डर और व्यापारी हर महीने एक तय रकम गुर्गों के जरिए मुन्ना बजरंगी के पास पहुंचाते थे। उसके काम करने का तरीका इतना शातिराना था कि जब तक पुलिस और एसटीएस कोई एक-दो मामला ट्रैक करती, तब तक वह निशाना बदल लेता था।
और मुन्ना ने करवा दिया एसपी का तबादला
वर्ष 2004 में एसटीएफ में तैनात एक एसपी और उनकी टीम ने मुंबई जाकर मुन्ना के दो गुर्गों को मार गिराया। एसपी मुन्ना के गैंग को मुंबई में पूरी तरह ट्रैक कर चुके थे और लगभग मुन्ना तक पहुंच गए थे। उस दौरान एक कद्दावर मंत्री ने मुन्ना के कहने पर तुरंत उनका तबादला एसटीएफ से महाराजगंज करवा दिया। बाद में उन्हें महाराजगंज तो नहीं पोस्ट किया गया हां, लेकिन मुन्ना के खिलाफ एसटीएफ द्वारा चलाया जा रहा आपरेशन ध्वस्त हो गया।
हर महीने पांच करोड़ रुपये का टारगेट
मुन्ना गैंग के पास हर महीने पांच करोड़ रुपये से अधिक रकम केवल रंगदारी से आती थी। जिलों में उसके गैंग के लोग तय व्यापारी, ठेकेदार, डॉक्टर आदि से वसूली करते थे। किसी भी नए प्रोजेक्ट के शुरू होने से पहले बजट का एक फीसदी बतौर नज़राना मुन्ना बजरंगी को देना होता था। पुलिस ने कई मामलों में पकड़ा भी, लेकिन इस सिंडिकेट को पूरी तरह खत्म नहीं कर पाई। रंगदारी देने वालों के लिए मुन्ना मौत बड़ी राहत देने वाली साबित हो रही है।