April 20, 2024

नये नोटों पर अब तक खर्च हो चुके हैं 8 हजार करोड़ रुपये

भारतीय रिजर्व बैंक अब 100 रुपये का नया नोट जारी करने जा रहा है। लेकिन नये नोट को जारी करने में फिर से सरकार को करोड़ों रुपये खर्च करने होंगे। जानकारी के मुताबिक नये नोटों की वजह से देश के 2.4 लाख मशीनों को रीकैलिब्रेट करना होगा। ऐसा करने के लिये ही करोड़ों रुपये खर्च करने होंगे। नोटबंदी के बाद यह तीसरी बार होगा जब मशीनों को रीकैलिब्रेट किया जाएगा। बता दें कि नोटबंदी के दौरान भी 200, 500 और 2000 रूपये के नोट छापने में भी सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च किये थे।

कैश लॉजिस्टिक्स फर्म्स और एटीएम सर्विस प्रोवाइडर्स ने कहा है कि इस रीकैलिब्रेशन में अभी समय लग सकता है। दोनों ने आरबीआई और सरकार से भी बात की है जिसमें कहा गया है कि नोटों की पर्याप्त सप्लाई पहले से बताई जाए ताकि नकदी की कमी न हो। 100 रुपये का नया नोट बैंगनी रंग का होगा। नोट 66 एमएम गुणा 142 एमएम होगा। इस नोट पर गुजरात के पाटन में सरस्वती नदी के किनारे स्थित बावड़ी रानी की वाव का चित्र होगा। 

जानकारी के मुताबिक 100 के नोट पर ज्यादा रुपये खर्च होंगे। क्योंकि इसकी साइज भी अन्य नोटों से अलग होगी। इसलिए इसकी प्रिंटिंग का खर्च भी अलग होगा। सरकार नोटबंदी के बाद से चार नोट जारी कर चुकी है। जिसमें 2000, 500, 200 और 10 का है। लेकिन अब 100 रुपये का नोट भी बाजार में आने वाला है। अब तक जारी किये गये नोटों पर जून 2016 से जून 2017 के बीच 7965 करोड़ खर्च किया गया है।

जबकि 2015-16 में 3420 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। एक आरटीआई के मुताबिक 2000 रुपये के एक नोट पर 3 रुपये 54 पैसे और 500 रुपये के नोट पर 3.09 रुपये खर्च हुए थे। वहीं जनवरी 2018 तक आरबीआई 200 रुपये के नोट की छपाई पर 522 करोड़, 2000 के नोट पर 1293 करोड़, 500 रुपए के नोट पर 4968 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। 

छपाई देवास में तो डिजाइन मैसूर में होगा तैयार
 
नये नोटों की छपाई देवास स्थित नोट प्रेस में शुरू हो चुकी है। नोट के डिजाइन को मैसूर की नोट प्रिंटिंग प्रेस में दिया गया है। यहीं पर 2000 के नोट भी छापे गये थे। नये नोट में स्वदेशी कागज और स्याही का इस्तेमाल किया जा रहा है। बता दें के नये नोट बाजार में आने के बाद भी पुराने नोट चलन में रहेंगे। 


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