April 26, 2024

ख़बर स्पेशलः प्रदेश में पोस्टल बैलेट पर किस पार्टी की है पैठ, आंकड़ों से जाने मतदाताओं का मिजाज़

देहरादूनः प्रदेश में लोकसभा चुनाव हमेशा दिलचस्प रहे हैं। इस बार राज्य में 11 अप्रैल को मतदान होगा। लिहाजा प्रदेश में चुनावी घमासान अपने उत्कर्ष की ओर है। राज्य की पांचों लोकसभा सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है। ऐसे में दोनों पार्टियां मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए हार्ड वर्क कर रही है। दोनों की दल चाहते हैं कि उन्हें अधिक से अधिक मतदान हो ताकि वह अपने जीत का परचम लहरा सके। इतना ही नहीं भाजपा और कांग्रेस की नजर पोस्टल बैलेट पर है जो कि प्रदेश की सियासत में खासा महत्व रखती है। अगर आंकड़ों की बात की जाय तो पोस्टल बैलेट हमेशा बीजेपी के पक्ष में रहे हैं। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की पांचों सीट पर हार होने के बाद भी उसे पोस्टल बैलेट में कांग्रेस के मुकाबले ज्यादा मत मिले थे। ये बात हम नहीं कह रहे बल्कि पिछले लोकसभा चुनावों के आंकड़े खुद इस बात की तस्दीक कर रहे हैं।

आंकड़ों का अंकगणित

वर्ष 2009 में टिहरी लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी जसपाल राणा को 1551 पोस्टल बैलेट से पड़े थे जबकि कांग्रेस प्रत्याशी विजय बहुगुणा को मात्र 7 वोट पोस्टल बैलेट से पड़े थे।

वहीं सैन्य बाहुल्य मानी जाने वाली पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी टीपीएस रावत को 8030 वोट पोस्टल बैलेट से पड़े थे, तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल महाराज को सिर्फ 950 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे।

उधर अल्मोड़ा लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी अजय टम्टा को 887 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे, तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप टम्टा को 514 वोट पोस्टल बैलेट से पड़े थे।

जबकि नैनीताल-उधमसिंह नगर लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी बच्ची सिंह रावत को 270 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे और कांग्रेस प्रत्याशी केसी सिंह बाबा को 172 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे।

हरिद्वार लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी यतिनंद्रा नंद गिरि को 307 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे, तो वहीं कांग्रेस प्रत्यशी हरीश रावत को 188 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे।

अगर लोकसभा चुनाव 2014 की बात करें तो इस चुनाव में बीजेपी ने प्रदेश की पांचों सीटें जीती थी और कांग्रेस को भारी बहुमत से हराया था, लेकिन अगर पोस्टल बैलेट से पड़े मतदान की बात करें तो लोकसभा चुनाव 2014 में भी बीजेपी को पोस्टल बैलेट से भारी मत मिले थे। जरा आंकड़ों पर नजर डालते हैं।

टिहरी लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी माला राज्य लक्ष्मी शाह को 3534 वोट पोस्टल बैलेट से पड़े थे, तो वहीं कांग्रेस प्रत्यशी साकेत बहुगुणा को 1259 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे।

पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी बीसी खंडूड़ी को 3739 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे, तो वही कांग्रेस प्रत्याशी हरक सिंह रावत को मात्र 177 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे।

अल्मोड़ा लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी अजय टम्टा को 902 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे, तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप टम्टा को मात्र 80 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे।

नैनीताल-उधमसिंह नगर लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी भगत सिंह कोशियारी को 1451 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे, तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी केसी सिंह बाबा को 525 वोट पोस्टल बैलेट से पड़े थे।

हरिद्वार लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी रमेश पोखरियाल निशंक को 1489 वोट पोस्टल बैलेट से मिले थे, तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी प्रियंका रावत को 547 वोट पोस्टल बैलेट से प्राप्त हुए थे।

पिछले दो लोकसभा चुनाव के आंकड़े बताते हैं कि सर्विस क्लास वोटर की पसंद बीजेपी रही है। फिर चाहे बीजेपी को हार क्यों न मिली हो। लेकिन इस बार देखना यह है कि क्या पोस्टल वैलेट एक बार फिर भाजपा के पक्ष में रहता है या फिर सर्विस क्लास लोग एक नया अध्याय लिखेंगे।


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