एनजीटी ने उत्तराखंड सरकार से गंगा सफाई पर मांगी ताजा रिपोर्ट
राष्ट्रीय हरित अधिकरण( एनजीटी) ने उत्तराखंड सरकार को गोमुख और हरिद्वार के बीच गंगा नदी की सफाई के लिए उठाये गये कदमों पर एक ताजा अनुपालन रिपोर्टपेश करने का निर्देश दिया है। गंगा की सफाई के लिएपर्यावरणविद अधिवक्ता महेन्द्र चन्द्र मेहता की याचिकापर न्यायमूर्ति जावद रहीम की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ नेइस बारे में आदेश दिया और कहा किपेश रिपोर्ट में खामियां हैं और इसमें यह नहीं बताया गया है कि अधिकरण के निर्देशों का पालन किया गया है या नहीं।
खंडपीठ ने सभी संबंधित पक्षों कोपूरक रिपोर्ट की प्रति दे ने के बाद एक सप्ताह के भीतर इसे दाखिल करने का निर्देश दिया।अधिकरण ने कहा कि हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि आगे कोई समय निर्धारित नहीं की गयी है।’’ खंडपीठ ने बताया, ‘‘उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से रिपोर्ट दायर की गयी है। हम इसकी सुनवाई दूसरे मामलों के साथ ही करेंगे।’’
इस मामले की सुनवाईअब 13 मार्च कोहोगी। एक विस्तृत फैसले में हरितअधिकरण ने गंगा को फिर से साफ करने का निर्देश दिया है और हरिद्वार एवं उन्नाव के बीच नदी के किनारे100 मीटर के इलाके में नो डेवलपमेंट जोन घोषित करने और नदी से500 मीटर के दायरे में अपशिष्ट फेंकने पर प्रतिबंध लगा दिया है। अधिकरण ने कहा था कि सरकार ने दो साल में गंगा को साफ करने पर7,000 करोड़ रूपया खर्च किये गये हैं लेकिन अभी भी गंगा एक गंभीर पर्यावरणीय मुद्दा बनाहुई है।