नोएडा सेक्टर-123 में नोएडा प्राधिकरण के प्रस्तावित लैंडफिल साइट को डंपिंग ग्राउंड की तरह इस्तेमाल करने के खिलाफ सेक्टर-122 में हुई महापंचायत में बड़ी तादाद में लोग शामिल हुए।
महापंचायत के बाद भीड़ ने पर्थला गोलचक्कर को जाम कर दिया, इससे करीब चार किलोमीटर लंबा जाम लग गया। दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक वाहन चालक जाम से जूझते रहे।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक महापंचायत के लिए लोग सुबह 10 बजे से जुटना शुरू हो गए थे। दोपहर 12 बजे पंचायत खत्म होने के बाद करीब पांच हजार लोगों ने पर्थला गोलचक्कर को चारो ओर से घेर लिया। मौके पर पहुंची यातायात पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
प्रदर्शनकारियों और पुलिस-प्रशासन के बीच कई बार टकराव की स्थिति भी दिखी। इससे पहले ग्रेटर नोएडा से गोलचक्कर के रास्ते नोएडा आने वाले वाहनों को पहले ही डायवर्ट कर दिया गया था। रविवार होने के कारण वाहनों का दबाव कम था। बावजूद इसके वहां काफी अफरातफरी का माहौल रहा।
111 प्रदर्शनकारी गिरफ्तार
डंपिंग ग्राउंड का विरोध करने वाले 111 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उनको दो बसों में भरकर पुलिस लाइन भेजा गया। सभी को देर शाम छोड़ दिया गया। इनमें 35 महिलाएं भी शामिल थीं। बताया जाता है कि गिरफ्तारी देने के दौरान पुलिस ने पर्थला गोलचक्कर के पास यातायात रोक दिया था। इससे भी लोगों को परेशानी हुई।
हमें जेल भेज दो या डंपिंग ग्राउंड हटा लो
नोएडा सेक्टर-123 स्थित डंपिंग ग्राउंड के विरोध में करीब 5000 लोगों का रेला जुट गया। रविवार को गांधीगीरी के साथ शुरू हुई महापंचायत ने उग्र रूप ले लिया। सभी यही कह रहे थे कि या तो हमें जेल भेज दो या फिर यहां से कचरा घर हटा लो।
सभी वहां कचरा डालने और डंपिंग ग्राउंड का काम नहीं होने देने पर आमादा थे। आलम यह रहा कि गिरफ्तारी देने वाले ज्यादा और परिवहन के साधन कम पड़ गए। बावजूद इसके पुलिस ने 35 महिलाओं समेत 111 लोगों को गिरफ्तार कर लिया, जिन्हें शाम तक छोड़ दिया गया।
रविवार सुबह में सबसे पहले यहां रैली निकाली गई। इसके बाद हवन किया गया। हवन के बाद महापंचायत और बाद में सड़क जाम किया गया। पूरे समय तक वहां पुलिस और प्रशासन के साथ लोगों का टकराव होता रहा।
पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी हाथों में हॉकी, लाठी व डंडा लेकर प्रदर्शन कर रहीं थी। महापंचायत के दौरान पुलिस ने मौके पर 111 लोगों को गिरफ्तार किया। इसमें 35 महिलाएं भी शामिल रहीं। सभी को शाम को रिहा कर दिया गया।
दो बसों में भरकर 111 लोगों को ले गई पुलिस
महापंचायत और धरना स्थल पर पुलिस के पुख्ता इंतजाम थे। सात थानों के अलावा 400 से ज्यादा पीएससी के जवान वहां तैनात रहे। सुबह से ही पर्थला चौक के चारों तरफ प्रशासन व प्राधिकरण के विरोध में नारेबाजी की आवाज सुनाई देने लगी।
एक तरफ महिलाओं की टुकड़ी, दूसरी तरफ राजनीतिक दल, सेक्टरवासी, ग्रामीण व किसान सब सड़क किनारे लगे पंडाल में जमा हो गए। विरोध बढ़ा तो पुलिस से नोंकझोंक हुई। प्राधिकरण व प्रशासन की ओर से धरना समाप्त करने को कहा जाता रहा। इसका असर उलटा हो गया। दोपहर करीब 1 बजे यहां 4 से 5 हजार लोग जमा हो गए।
चौतरफा विरोध देख सकते में रही पुलिस
चौतरफा विरोध देख पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी भी सकते में थे। पुलिस लोगों को रोकने का प्रयास करती दिखी। आला अधिकारी लोगों को समझाते दिखे। लेकिन हर तरफ कचरा घर का विरोध जारी रहा। अंत में हजारों की संख्या में महिलाओं व लोगों ने कचरा घर में प्रवेश करने की कोशिश की। पुलिस प्रशासन ने वहां सख्ती दिखाई।
धक्का मुक्की के माहौल में 111 लोगों को दो बसों में भरकर गिरफ्तार किया गया। इस दौरान सपा पूर्व मंत्री मदन चौहान ने कहा कि अगर प्राधिकरण के बोर्ड में जनप्रतिनिधि सदस्य होता तो आज ये डंपिंग ग्राउंड न होता।
लंबे समय से मांग की जा रही है कि जनप्रतिनिधि में सदस्य सहभागी होना चाहिए। ताकि शहर में कोई योजना बनती है तो भले बुरे का ज्ञान प्रतिनिधि को हो। उन्होंने आरोप लगाया कि प्राधिकरण के अधिकारी बंद कमरे में योजना बनाते हैं।
उनको ये नहीं पता कि सही क्या है गलत क्या है। आंदोलन में राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल यादव, पूर्व प्रत्याशी अशोक चौहान, सुनील चौधरी, पूर्व महानगर अध्यक्ष सूबे यादव, सुखबीर पहलवान, भारतीय किसान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र यादव, यूथ कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष ओमवीर यादव व अन्य लोग मौजूद रहे।
डंपिंग ग्राउंड के मसले पर राजनीतिक दल एक मंच पर
बीते कई दिनों से डंपिंग ग्राउंड के विरोध में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि एकजुटता दिखा रहे हैं। रविवार को भी यहां ऐसे दलों के नेता एक राय रखते हुए कदमताल करते दिखे। बीजेपी को छोड़कर सभी दलों ने यहां पर कचरा डालने और कचरा घर बनाने का विरोध किया।
हालांकि प्राधिकरण पहले से ही कहता आ रहा है कि यहां लैंडफिल साइट बनाया जा रहा है। लेकिन उसका भी विरोध पहले ही हो चुका है। महापंचायत में सभी दल एक ही मंच पर एक साथ खड़े दिखे।
कांग्रेस, सपा, बसपा के अलावा तमाम सामाजिक संगठन के लोग महापंचायत में शामिल हुए। सपा के कई नेता भी शामिल हुए। भारतीय किसान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र यादव ने कहा कि हम सभी का आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कचरा घर यहां से चला नहीं जाता।
प्राधिकरण व प्रशासन को झुकना होगा। बयान बाजी के बीच पुलिस से तीखी नोक झोंक हुई। इसके बाद संगठन के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र यादव व जिला अध्यक्ष परविंदर यादव सहित ग्रामीणों को गिरफ्तार किया गया।
महिलाओं पर गर्मी धूप का नहीं दिखा असर
प्रदर्शन में महिलाओं की संख्या सैकड़ों में थी। इसमें से अधिकांश की उम्र 50 के पार थी। लेकिन जोश इतना कि गर्मी का असर भी उन पर नहीं दिखा। हवन पूरा होने के साथ ही सैकड़ों की संख्या में महिलाओं ने पर्थला चौक तक पैदल रैली निकाली। वह कचरा घर का चक्कर लगा रही थी। धूप से बचने के लिए साड़ी की ओट ली। महिलाओं के साथ बच्चे भी प्रदर्शन में आगे रहे। उन्होंने जमकर विरोध किया। पुलिस के समझाने के बाद भी महिलाएं नहीं मानी। बुजुर्ग महिला ने बताया कि कचरा यहां फेंका जा रहा है। हम मान ही नहीं सकते कि कचरे से बदबू न आए संक्रमण न फैले। प्राधिकरण को यदि यहां कचरा घर बनाना था तो आबादी नहीं बसानी थी। वह सिर्फ अपना फायदा देख रही है। हमारा भविष्य नहीं।