फांसी के फंदे से नहीं बच पाएंगे एक भी चाइल्ड रेपिस्ट, कानून लाने की तैयारी में राजस्थान
राजस्थान में नाबालिग बालिकाओं के साथ में दुष्कर्म को लेकर राज्य सरकार ने कठोर निर्णय लिया है। दुष्कर्म के आरोपियों को कठोर से कठोर सजा के लिए अब कानून में बदलाव किया जाएगा। इसमें मृत्यु दण्ड तक की सजा तक का प्रावधान होगा।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सोमवार को विधानसभा में वर्ष 2018-19 के बजट पर हुई चार दिन की चर्चा का जवाब देते हुए नाबालिग बालिकाओं के साथ दुष्कर्म करने वालों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का मकसद बालिकाओं और महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करना भी है। पिछले कुछ सालों से राज्य में भी नाबालिग बालिकाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ रही हैं। इन घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकार कठोर कानून बना रही है और इसके लिए जल्द ही आईपीसी में संशोधन किया जाएगा।
बजट से विपक्ष को लगा जोरदार धक्का
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि प्रदेश के किसान हमारे अन्नदाता हैं, हम उनके लिए जितना भी करेंगे, वह कम होगा। हम ईमानदारी से किसानों के लिए काम करेंगे और उसमें कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। विपक्ष के हंगामे के बीच राजे ने कहा, हमारी सरकार को ही किसानों को चिंता है, इसलिए पहली बार बजट में उनके 50 हजार रुपए तक के कर्जे माफ किए हैं। आगे भी उनके लिए और क्या बेहतर हो सकता है, वो भी करेंगे। इसलिए उनके लिए राजस्थान राज्य कृषक ऋण राहत आयोग का गठन किया गया है। आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया जाएगा, ताकि किसानों की उसमें स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनवाई हो सके। इस आयोग के दायरे में गैर सरकारी बैंक भी लाएंगे। पहली बार हुई इन घोषणाओं से विपक्ष के सदस्य बौखला गए हैं।
नवनिर्माण के लिए सरकार प्रतिबद्ध
राजे ने कहा कि विधानसभा में पेश इस बजट से विपक्ष को धक्का लगा है। चार साल में हमारी सरकार ने सभी वर्गों को करीब 38000 करोड़ रुपए का अनुदान दिया हैं। इस बजट में भी करीब नौ हजार करोड़ रुपए का अनुदान दिया गया है। राजे ने कहा कि राज्य के नवनिर्माण के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि सरकार द्वारा पेश बजट पर कहने के लिए कुछ नहीं होने के कारण विपक्ष शोर-शराबा कर सदन का समय बर्बाद कर रहे है। अपने जवाब के दौरान उन्होंने शेरो शायरी करते हुए कहा, काम करो ऐसे कि पहचान बन जाए, हर कदम चलो ऐसे कि निशान बन जाए। राजनीति तो सब करते हैं पर राजधर्म ऐसे करो कि मिसाल बन जाए।
राज्य सरकार ने दण्ड विधियां संशोधन कानून वापस लिया
राज्य सरकार ने आखिर में दण्ड विधियां (संशोधन) विधेयक 2017 को वापस ले लिया। इसकी घोषणा मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सोमवार को विधानसभा में की। राजे ने कहा कि सरकार दण्ड विधियां (संशोधन) विधेयक 2017 को वापस लेती है। उन्होंने बजट घोषणाओं के पूरा होने की गारंटी नहीं देने के संबंध में अखबारों में प्रकाशित समाचारों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मीडिया ने उनकी पूरी बात प्रकाशित नहीं की। समाचारों को भी तोड़ मरोड़ कर पेश किया। उन्होंने कहा कि इस कानून को लेकर विपक्ष के लोग काफी विरोध कर रहे थे, लेकिन मेरे यह समझ में नहीं आया कि जो कानून बना ही नहीं, उसे कैसे वापस ले लेंगे। यह अभी कानून बना ही नहीं और हमने इसे सलेक्ट कमेटी से वापस लेने का निर्णय कर लिया है।
चौतरफा हुआ था विरोध
राज्य सरकार की ओर से दण्ड विधियां (संशोधन) विधेयक 2017 गत 23 अक्टूबर को विधानसभा के नवम सत्र में पेश किया गया था। उससे पहले दस सितम्बर को अध्यादेश के जरिए इस कानून को लागू किया गया था। इस कानून में मीडिया के साथ ही आम आदमी पर भी कई तरह के अंकुश लगाए गए थे। विभिन्न सामाजिक, राजनैतिक और पत्रकार संगठनों ने इस काला कानून करार दिया था। भारी विरोध के बीच राज्य सरकार ने दूसरे दिन 24 अक्टूबर को ही इस कानून को प्रवर समिति को सौंप दिया था। इसकी घोषणा सदन में गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने सदन में प्रश्नकाल शुरू होते ही कर दी थी। इस पर सदन में कोई चर्चा भी नहीं हुई थी। विधानसभा के इस बजट सत्र में पहले दिन पांच फरवरी को ही सदन ने इस कानून को लेकर अपनी रिपोर्ट देने के लिए छह महीने अथवा आगामी सत्र के प्रथम सप्ताह तक प्रवर समिति को समय दिया था।
बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे कहा है कि हमारी वर्तमान सरकार के कार्यकाल में किसानों के लिए विद्युत दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई। राजे ने कहा कि किसानों की बिजली की दरों में बढ़ोतरी नहीं करने के साथ ही विद्युत नियामक आयोग ने जो राशि बढ़ाई थी, उससे आने वाला करीब 28 हजार करोड़ रुपए का भार सरकार ने क्रॉस सब्सिडी के माध्यम से अपने ऊपर ले लिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार की कर्ज माफी की घोषणा से 70 प्रतिशत से अधिक ऋणी किसान लाभान्वित होंगे।
पिछली सरकार के समय सहकारी भूमि विकास बैंक की ओर से 12.10 प्रतिशत की दर पर कृषि ऋण दिया जाता था, जिसे वर्तमान सरकार ने ही घटाकर पहले 7.10 प्रतिशत किया और अब एक जनवरी, 2018 से इसे 5.5 प्रतिशत कर दिया है। इसका फायदा भी लाखों किसानों को मिलेगा।
श्रीगंगानगर में गन्ना खरीद एक ही दर पर
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने घोषणा की है कि अब श्रीगंगानगर के किसानों के गन्ना खरीद की दरें भी पंजाब की तर्ज पर एक समान होंगी। राजे ने कहा कि वर्तमान में श्रीगंगानगर के काश्तकारों को गेट एरिया एवं आउट गेट एरिया के आधार पर गन्ने की क्रय दरों का भुगतान किया जा रहा है, अब यह वर्गीकरण समाप्त किया जाएगा। पड़ोसी राज्य पंजाब में प्रचलित दरों और गन्ना उत्पादक किसानों की मांग को देखते हुए वर्ष 2017-18 के लिए अगेति, मध्यम एवं पचेति श्रेणी के गन्ने के लिए क्रमश: 310 रुपए, 300 रुपए एवं 295 रुपए प्रति क्विंटल की खरीद दर के अनुसार गन्ना किसानों को भुगतान किया जाएगा।
बजरी के लिए बनेगी नई नीति
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि प्रदेश में जल्द ही बजरी के लिए नई नीति लाई जाएगी। राजे ने कहा कि राज्य में व्याप्त बजरी संकट के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है, जिसका खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने चुनावों की घोषणा के बाद भी 25 नवम्बर 2013 को 82 ब्लॉक्स में 128 खनन पट्टे जारी कर दिए। बिना पर्यावरण मंजूरी के एकल पट्टे भी कांग्रेस ने ही दिए। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने बजरी खनन पर रोक लगाई। अब हम बजरी खनन के लिए शीघ्र नहीं नीति लाएंगे। इसके साथ एकल पट्टों की बजाय छोटे-छोटे ब्लॉक्स के पट्टे जारी करेंगे।
कर्ज माफी के लिए बनेगी कमेटी
प्रदेश में किसानों की कर्ज माफी के लिए एक उच्च स्तरीय अन्तर्विभागीय कमेटी बनाई जाएगी। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बताया कि यह अन्तर्विभागीय कमेटी तय करेगी कि किन श्रेणियों के किसानों को इसके दायरे में लाया जाना है। इसके साथ ही यह भी तय करेगी कि किसानों को किस सीमा तक और किस प्रकार से राहत दी जानी है। अगर गैर सहकारी बैंक और अन्य बैंकों को आयोग के दायरे में शामिल किया जाना है तो उसकी शर्तें क्या होंगी। राजे ने इसे किसानों की कर्ज संबंधी समस्याओं के स्थाई समाधान के लिए राज्य सरकार की यह एक ऐतिहासिक पहल करार दिया है।