अफीम की खेती के लिए कुख्यात है उत्तराखंड का ये इलाका, रोक लगाने में सरकार नाकाम
अपनी प्राकृतिक खूबसूरती और धार्मिक स्थलों के लिए मशहूर उत्तराखंड का एक इलाका अफीम की अवैध खेती के लिए भी कुख्यात है। यहां अफीम की खेती का ऐसा जाल है कि इसे रोकने के लिए देश बड़े आईपीएस अफसरों तक को यहां डेरा डालना पड़ा है। हर साल खेती की सूचना पर टीमें यहां पहुंचती हैं और इसे नष्ट कर लौट आती है, लेकिन इसकी खेती पर स्थायी तरीके से रोक लगाने की सारी कोशिशें फेल साबित हो रही हैं।
उत्तरकाशी जिले में फते पर्वत क्षेत्र में नाप भूमि पर अवैध अफीम की खेती को नष्ट करने के लिए नारकोटिक्स की टीम बीते चार दिनों से मोरी क्षेत्र में डेरा डाला हुआ है। हिमाचल प्रदेश की सीमा से सटे सीमांत विकासखंड मोरी क्षेत्र के बरी, सेवा, दोणी, सट्टा, ग्वाल गांव, भितरी मसरी में स्थानीय ग्रामीणों ने अफीम की खेती की जा रही है। जिसको नष्ट करने के लिए इन दिनों नारकोटिक्स ब्यूरो देहरादून के अधीक्षक रविशंकर जोशी की दस सदस्य टीम ने मोरी क्षेत्र में डेरा डाला हुआ है।
क्षेत्र में भारी मात्रा में लहलहा रही फसल को देख इसे नष्ट करने के लिए नारकोटिक्स टीम ने राजस्व विभाग, वन विभाग, पुलिस की टीम की मदद ली है। नारकोटिक्स देहरादून के अधीक्षक रविशंकर जोशी ने बताया कि गत 4 मई से चल रहे इस अभियान में अभी तक दो हेक्टेअर अफीम (पोस्त) की खेती नष्ट कर जला दी गई है। वहीं अभियान अभी दस दिनों तक चलता रहेगा। वहीं उपजिलाधिकारी पुरोला पूरन सिंह राणा ने बताया कि नारकोटिक्स टीम के साथ राजस्व, वन, पुलिस टीम भी बराबर सहयोग में लगी है। जिन गांव में अवैध रूप से अफीम की खेती पाई जा रही है। उनके विरूद्ध कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जा रही है।
1987 में आईपीएस किरण बेदी ने काटे थे 110 चालान
मोरी। मोरी क्षेत्र के हिमाचल से सटे फते पर्वत के गांव में वर्षों से की जा रही अफीम की खेती पर पूरी तरह अभी तक कोई भी सरकार रोक नहीं लगा पाई है। हर साल नारकोटिक्स की टीम तथा राजस्व विभाग की टीम इस पर रोक लगाने की बात कर खेती को नष्ट करती आ रही है, लेकिन उसके बाद भी मोरी क्षेत्र अफीम के आगोश से बाहर नहीं निकल पा रहा है। वर्ष 1987 में आईपीएस किरण बेदी ने मोरी क्षेत्र का हवाई सर्वे किया था। वहीं त्यूणी में दो दिवसीय कैम्प लगाकर लोगों को इससे होने वाले नुकसान की जानकारी देकर जागरूक किया गया था। इसके साथ ही क्षेत्र में छापामारी कर बावल, शिलगांव, काड़ोई, भरम, देवधार व बाणाधार क्षेत्र में 110 लोगो के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई अमल में लाई गई थी।