मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव, एकजुट हुआ विपक्ष
आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने के नाम पर विपक्षी दल एकजुट हो गए हैं। जगनमोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस ने इस मुद्दे पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का नोटिस दिया था। शुरुआत में अविश्वास प्रस्ताव का विरोध करने वाले NDA के घटक दल और आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ तेलुगू देशम पार्टी (TDP) ने इसका समर्थन करने की घोषणा कर दी थी। अब कांग्रेस, लेफ्ट, तृणमूल कांग्रेस और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने भी प्रस्ताव का समर्थन करने की बात कही है। TDP सांसद थोटा नरसिम्हन ने गुरुवार (15 मार्च) को लोकसभा के महासचिव को पत्र लिखकर अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कही। वाईएसआर कांग्रेस इस बाबत पहले ही नोटिस दे चुकी है। बता दें सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए कम से कम 50 सदस्यों का समर्थन अनिवार्य है। विपक्षी दलों में से किसी के पास अकेले 50 सांसद नहीं हैं।
एकजुट हुआ विपक्ष:
लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बताया कि कांग्रेस शुरुआत से ही आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने के प्रस्ताव का समर्थन करती रही है। उन्होंने कहा, ‘हमलोग चाहते हैं कि आंध्र प्रदेश की जनता को न्याय मिले। अविश्वास प्रस्ताव लाने की स्थिति में सरकार की विफलता के बारे में बात करनी चाहिए। कांग्रेस ने इस बाबत काफी लोगों से संपर्क किया है।’ तृणमूल कांग्रेस ने NDA से नाता तोड़ने के TDP के फैसले का स्वागत किया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सभी विपक्षी दलों से एकजुट होकर काम करने का आह्वान किया है। तृणमूल ने भी अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने की बात कही है। माकपा नेता और राज्यसभा सदस्य सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया, ‘बीजेपी सरकार के खिलाफ लाए जा रहे अविश्वास प्रस्ताव का माकपा समर्थन करती है। यह आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने के वादे के साथ धोखा है। यह माफ करने योग्य नहीं है। यह (सरकार की) सरासर विफलता है। संसदीय जवाबदेही से छुटकारा पाने के कदम को सामने लाने की जरूरत है।’ AIMIM प्रमुख और लोकसभा सदस्य असदुद्दीन ओवैसी ने भी इसका समर्थन करते हुए कहा कि मोदी सरकार राज्य पुनर्गठन अधिनियम को लागू करने में पूरी तरह विफल रही है।