April 20, 2024

डेढ़ से तीन गुना बढ़ेंगे पुलिस जवानों के भत्ते, राज्य वेतन समिति ने योगी सरकार से की सिफारिश

राज्य वेतन समिति ने सरकार से पुलिस जवानों के भत्तों में डेढ़ से तीन गुना तक की वृद्धि की सिफारिश की है। समिति ने जवानों के शैडो भत्ता से लेकर परिवार आवास भत्ता, पीएसी भत्ता, एसटीएफ, एटीएस को जोखिम भत्ता बढ़ाने की मांग भी मान ली है। कई संवर्ग के उन जवानों के भत्तों में भी अधिक वृद्धि की सिफारिश की है, जो लंबे समय से लंबित हैं। सूत्रों ने बताया कि वित्त विभाग इन सिफारिशों का परीक्षण कर रहा है। इसके बाद कैबिनेट की सहमति से लागू करने पर विचार होगा।
पुलिस महानिदेशालय ने पुलिस, पीएसी, एसटीएफ, एटीएस, एसआईटी समेत विभाग से जुड़े सभी तरह के कर्मियों के भत्तों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव राज्य वेतन समिति को भेजा था। हालांकि समिति ने घुड़सवार, जल पुलिस व परिवहन शाखा जैसे कई समूहों से जुड़ी मांगें नहीं मानी।

जवानों के परिवार का आवास भत्ता बढ़ेगा
बैरक में रहने वाले पुलिस व पीएसी कर्मियों के परिवार यदि उसी नगर के शहरी क्षेत्र में रहते हैं तो उन्हें परिवार आवास भत्ता मिलता है। यह श्रेणी-ए, बी-1 तथा बी-2 के नगरों में 913 रुपये तथा श्रेणी सी के नगरों में 688 रुपये प्रतिमाह है। जिन्हें यह भत्ता स्वीकृत नहीं है और वे बैरक में रहते हैं, उन्हें 456 रुपये भत्ता मिलता है। समिति ने श्रेणी-ए, बी-1 तथा बी-2 श्रेणी के लिए 1000 रुपये तथा श्रेणी सी के नगरों में 800 रुपये प्रतिमाह भत्ते की सिफारिश की है। वहीं, 456 रुपये पाने वालों को 500 रुपये प्रतिमाह की सिफारिश की गई है।

पीएसी भत्ते में 1100 रुपये तक बढाने की सिफारिश
अपर पुलिस महानिदेशक ने पीएसी भत्ते को सेनानायक के अतिरिक्त अन्य सभी पदों के लिए मूल वेतन का एक प्रतिशत अधिकतम 6500 रुपये देने की मांग की थी। समिति ने यह मांग तो नहीं मानी, लेकिन महंगाई दर में वृद्धि, कार्य की प्रकृति व राज्य की आवश्यकता का हवाला देते हुए 100 से 1100 रुपये तक वृद्धि की सिफारिश की है।

एसटीएफ/एटीएस को जोखिम भत्ता 15 हजार तक

एसटीएफ/एटीएस की कार्यप्रकृति को देखते हुए इन्हें जोखिम भत्ता दिया जाता है। अभी एसटीएफ व एटीएस में अपर पुलिस महानिदेशक से चतुर्थ श्रेणी कर्मी तक मूल वेतन का 30 प्रतिशत अधिकतम 12500 रुपये प्रतिमाह जोखिम भत्ता पाते हैं। इसमें मूल वेतन व महंगाई भत्ते का 60 प्रतिशत दिए जाने की मांग की गई थी। समिति ने नई वेतन मैट्रिक्स लागू होने और उससे वेतन में 2.57 गुने की वृद्धि का हवाला देते हुए मूल वेतन का 25 प्रतिशत अधिकतम 15 हजार रुपये जोखिम भत्ता दिए जाने की सिफारिश की है।

पदनाम–वर्तमान में मिल रहा–सिफारिश
सेनानायक–1600–2700
उप सेनानायक/एएसपी–600–1000
सहायक सेनानायक/ स्टाफ ऑफिसर–600–1000
शिविरपाल–600–1000
दलनायक–400–700
सुबेदार मेजर–250–450
सुबेदार शिविरपाल–250–450
प्लाटून कमांडर–200–350
मुख्य आरक्षी–150–260
नायक–200–350
लांस नायक–150–260
आरक्षी व समकक्ष–100–200

नक्सल क्षेत्र भत्ता
पदनाम–वर्तमान में मिल रहा–सिफारिश
उप सेनानायक/एएसपी–4500–8000
सहायक सेनानायक/ पुलिस उपाधीक्षक–3750–6000
निरीक्षक/ उप निरीक्षक/कंपनी कमांडर/प्लाटून कमांडर–3000–5000
मुख्य आरक्षी/आरक्षी/आरक्षी चालक–1500–3000
चतुर्थ श्रेणी–1200–2000
एसआईटी का विशेष भत्ता 10 हजार तक बढ़ाने की सिफारिश

राज्य वेतन समिति ने विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) में नियुक्त अधिकारियों व कर्मचारियों की उच्चकोटि की कार्यक्षमता व दक्षता बनाए रखने के लिए मूल वेतन में 2.57 गुणा वृद्धि होने का तर्क देते हुए मूल वेतन का आठ प्रतिशत और अधिकतम 10 हजार रुपये विशेष भत्ता देने की सिफारिश की है। अभी एसआईटी के विवेचकों को मूल वेतन का 10 प्रतिशत और अधिकतम 6,500 रुपये प्रतिमाह विशेष भत्ता मिलता है। समिति से मूल वेतन का 10 प्रतिशत और अधिकतम 22,500 रुपये करने की मांग की गई थी।

कई और विभागों में विशेष भत्ता में वृद्धि की संस्तुति
अपराध शाखा, अपराध अनुसंधान शाखा, सीबीसीआईडी, भ्रष्टाचार निवारण संगठन, आर्थिक अपराध अनुसंधान विभाग, सतर्कता अधिष्ठान, अभिसूचना, सुरक्षा व विशेष जांच शाखा को प्रतिमाह मिलने वाले विशेष वेतन में भी बढ़ोतरी की संस्तुति की गई है।

ये है मौजूदा विशेष भत्ता
पदनाम–वर्तमान विशेष वेतन–संस्तुति
पुलिस अधीक्षक–3200–5500
एएसपी–2000–3400
डिप्टी एसपी–1600–2750
ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी–1600–2750
अभियोजन अधिकारी–1600–2750
निरीक्षक नागरिक पुलिस–1280–2200
उपनिरीक्षक–1080–1850

निरीक्षक (एम) गोपन निबंधक–1280–2200
निरीक्षक (एम) गोपनीय सहायक–1280–2200
एसआई (एम) प्रधान लिपिक वरिष्ठ लिपिक–1080–1850
एसआई (एम) स्टेनो–1080–1850
एसआई (एम) फोटोग्राफर वीडियोमैन–1080–1850
एसआई (एम)–320–600
हेड कांस्टेबल नागरिक पुलिस–320–600
हेड कांस्टेबल एमटी–320–600
आरक्षी ना.पुलिस/ सपु/ आरक्षी चालक–280–500
घुड़सवार, जल पुलिस व परिवहन शाखा की मांग अनसुनी

पुलिस विभाग ने इलाहाबाद, कानपुर, लखनऊ, वाराणसी आदि जिलों के प्रशिक्षण संस्थानों में घुड़सवार पुलिस व जल पुलिस के अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रोत्साहन भत्ता दिए जाने की संस्तुति की थी। मगर समिति ने यह मांग नहीं मानी है। बता दें, मौजूदा समय में इन्हें कोई प्रोत्साहन भत्ता नहीं मिलता है। इसी तरह पुलिस विभाग की परिवहन शाखा में फ्लीट मैनेजमेंट, रखरखाव, मरम्मत व कंडमनेशन की जिम्मेदारी संभालन वाले एसआईएमटी व हेड कांस्टेबल एमटी को 2000 रुपये प्रोत्साहन भत्ता देने की मांग की गई थी, लेकिन समिति ने इसे भी नहीं माना है।

मंत्रियों के शैडो का भत्ता बढ़ेगा
मंत्रियों के शैडो स्टाफ के रूप में संबद्ध कांस्टेबल व हेड कांस्टेबल को वर्ष 1985 से क्रमश: 15 व 20 रुपये प्रतिमाह शैडो भत्ता मिल रहा है। समिति ने इसे बढ़ाकर क्रमश: 150 व 200 रुपये प्रतिमाह करने को कहा है।
कई अन्य भत्तों को भी बढ़ाने की संस्तुतियां

– थानाध्यक्ष (प्रभारी)/ वाचक भत्ता : वर्तमान में मिल रहे 50 रुपये प्रतिमाह को बढ़ाकर 200 रुपये प्रतिमाह करने की संस्तुति

– प्रतिसार निरीक्षक/ उप निरीक्षक सशस्त्र पुलिस भत्ता : पुलिस लाइन में कार्यरत प्रतिसार निरीक्षक को प्रतिमाह 390 रुपये भत्ता मिलता है। समिति ने इसे बढ़ाकर 600 रुपये प्रतिमाह करने की संस्तुति की है। उपनिरीक्षक सशस्त्र पुलिस को कोई भत्ता नहीं मिलता है। समिति ने इन्हें भी भत्ता देने की मांग नहीं मानी है।

– प्रभारी निरीक्षक डीसीआरबी को वर्तमान में 70 रुपये प्रतिमाह भत्ता मिलता है। इसे बढ़ाकर 200 रुपये प्रतिमाह किए जाने की सिफारिश की है।

– बिगुुलर सिपाही को वर्तमान में 30 रुपये प्रतिमाह बिगुलर भत्ता मिलता है। इसे बढ़ाकर 100 रुपये प्रतिमाह किए जाने की संस्तुति की गई है।

– यातायात पुलिस को प्रतिमाह 10 रुपये ट्रैफिक भत्ता मिलता है। इसे बढ़ाकर 100 रुपये प्रतिमाह किए जाने की संस्तुति हुई है।

– आरमोरर का काम करने वाले आरक्षी व मुख्य आरक्षी को प्रतिमाह 30 रुपये भत्ता मिलता है। समिति ने इसे बढ़ाकर 100 रुपये करने की संस्तुति की है।

– पुलिस मुख्यालय भत्ता : वर्तमान में एसपी मुख्यालय व एसपी कार्मिक को 800 रुपये प्रतिमाह मिलता है। इसे बढ़ाकर 2000 रुपये प्रतिमाह करने की संस्तुति की गई है।

– राज्यपाल व मुख्यमंत्री की सुरक्षा में लगे कर्मियों को मौजूदा समय में 12,500 रुपये अधिकतम प्रोत्साहन भत्ता मिलता है। समिति ने इसे बढ़ाकर 22,500 रुपये करने की सिफारिश की है।

– पीएसी कर्मियों को दैनिक भत्ते के स्थान पर व्यवस्थापन भत्ता दिए जाने की मांग नहीं मानी गई है। वर्तमान व्यवस्था को ही लागू रखने की सिफारिश की गई है।

– पुलिस व पीएसी के एएसपी से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों तक को पौष्टिक आहार भत्ता मिलता है। समिति ने अक्तूबर 2011 से अब तक पौष्टिक आहार भत्ते की दरों में चार बार पुनरीक्षित और अंतिम वृद्धि दिसंबर 2017 में ही किए जाने का हवाला देते हुए वर्तमान दरों पर ही बनाए रखने की सिफारिश की है। वन कर्मियों व कारागार कर्मियों को यह भत्ता देने की मांग नहीं मानी गई है।

– सचिवालय में सुरक्षा  दल के अग्नि रक्षक, लीडिंग फायरमैन, विधान भवन व विधान परिषद के रक्षक व हेड रक्षक के पौष्टिक आहार भत्ते को 950 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 1500 रुपये करने की सिफारिश की गई है।


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