April 25, 2024

राफैल विवाद में कूदे सीएम रावत-कांग्रेस अध्यक्ष को दी नसीहत

राफेल लड़ाकू विमानों के सौदे के मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार शाम को कांग्रेस  अध्यक्ष राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इस मामले में कांग्रेस देश में झूठ पर झूठ फैलाती रही, लेकिन अब सच्चाई सबके सामने आ गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस राफेल मामले में संसद में चर्चा और जेपीसी के गठन से लगातार भागती रही।

मुख्यमंत्री आवास पर मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि कांग्रेस राफेल मामले को घोटाला करार दे रही थी, जबकि भाजपा इस मामले में जेपीसी के गठन और संसद में चर्चा पर जोर दे रही थी। बावजूद इसके कांग्रेस इस पर सहमत नहीं हुई। उन्होंने कहा कि अदालत ने इस मामले में निर्णय की प्रक्रिया, कीमत और ऑफसेट पार्टनर के चुनाव के मामले को एकदम सही ठहराया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राफेल की कीमत पर निर्णय लेना अदालत का काम नहीं है। तथा हमें राफेल विमानों की खरीद की प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नजर नहीं आता है।मुख्यमंत्री  ने कहा कि यह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनके उन समर्थकों पर करारा तमाचा है जो, इस मुद्दे पर लगातार झूठ बोल रहे थे। लेकिन अब उनके झूठ का पर्दाफाश हो गया है। सभी जानते हैं कि डिफेंस डील में एक सीक्रेसी क्लॉज होता है। देश की संप्रभुता और सुरक्षा के लिहाज से ऐसे मुद्दे सार्वजनिक नहीं किए जाते हैं। लेकिन राहुल गांधी तो लगातार उलूल जलूल बयान देकर न केवल देश की सुरक्षा पर सवाल उठाते रहे बल्कि सेना और सैन्य प्रतिष्ठानों की डिग्निटी पर भी सवाल उठाते रहे।मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि जिस राफेल के बारे में वायुसेना प्रमुख ने सकारात्मक बातें कही, उसी राफेल पर सवाल उठाकर राहुल गांधी ने सेना पर संदेह किया है। कांग्रेस का ये इतिहास रहा है कि वो सेना और देश की रक्षा से संबंधित बातों पर सवाल उठाते हैं। आपको याद होगा जब सर्जिकल स्ट्राइक हुई थी तब भी कांग्रेस ने इस पर संदेह पैदा किया। और अब जबकि एयरफोर्स को शक्तिसंपन्न बनाने के लिए राफेल जैसे विमान की सख्त जरूरत है, तब उस पर झूठ बोलकर गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। 2002 से राफेल की खरीद पर बातचीत चल रह थी, इस बीच 10 साल कांग्रेस सत्ता में रही लेकिन तब इन्होंने राफेल खरीद में कोई रुचि नहीं दिखाई और जब मोदी जी की सरकार ने फ्रांस के साथ पूरी पारदर्शिता के साथ राफेल डील की, तो कांग्रेस में बेचैनी हो गई।


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