राजभाषा के पांच सदस्यीय टीम ने किया एम्स का दौरा
संसदीय राजभाषा की तीसरी उप समिति के पांच सदस्यीय टीम ने तीर्थनगर का दौरा किया। टीम ने भारत सरकार के उपक्रम बीएचईएल, जीएसटी विभाग, आयकर विभाग और एम्स ऋषिकेश में हिंदी के कार्यान्वयन का निरीक्षण किया। उप समिति सदस्य डॉ. एस संपत, प्रोफेसर चिंतामणि मालवीय, संतोष कुमार, डॉ. सत्यनारायण जटिया, हुकमदेव नारायण ने एम्स ऋषिकेश में हिंदी के उपयोग पर संस्थान के निदेशक प्रोफेसर डॉ. रवि कांत से चर्चा की। इस मौके पर निदेशक प्रो. डॉ. रवि कांत ने संस्थान में हिंदी के उपयोग के बाबत समिति को रिपोर्ट सौंपी।
बताया कि मेडिकल की भाषा और उसकी जानकारी अधिकतर अंग्रेजी में ही उपलब्ध है। संस्थान के स्तर पर राजभाषा हिंदी का विभिन्न पत्राचार व अन्य संसाधनों और सरकारी कार्यालयों के अलावा व्यक्तिगत पत्राचार में अधिकतम उपयोग किया जाता है। साथ ही यहां आने वाले अधिकांश मरीज हिंदी भाषी क्षेत्र के होते हैं, जिनसे बोलचाल की भाषा में हिंदी का प्रयोग किया जाता है। संस्थान की रिपोर्ट में बताया गया कि लोगों की शिकायतें और सूचना के अधिकार के अंतर्गत आने वाली तमाम जानकारियों में अधिकांश में हिंदी भाषा का ही उपयोग किया जाता है। समिति ने संस्थान में हिंदी में किए जाने वाले कार्यों पर संतोष जताया। इस अवसर पर डीन सुरेखा किशोर, उप निदेशक अंशुमान गुप्ता, धन प्रकाश लखेड़ा, जनसंपर्क अधिकारी हरीश थपलियाल आदि मौजूद थे।
बताया कि मेडिकल की भाषा और उसकी जानकारी अधिकतर अंग्रेजी में ही उपलब्ध है। संस्थान के स्तर पर राजभाषा हिंदी का विभिन्न पत्राचार व अन्य संसाधनों और सरकारी कार्यालयों के अलावा व्यक्तिगत पत्राचार में अधिकतम उपयोग किया जाता है। साथ ही यहां आने वाले अधिकांश मरीज हिंदी भाषी क्षेत्र के होते हैं, जिनसे बोलचाल की भाषा में हिंदी का प्रयोग किया जाता है। संस्थान की रिपोर्ट में बताया गया कि लोगों की शिकायतें और सूचना के अधिकार के अंतर्गत आने वाली तमाम जानकारियों में अधिकांश में हिंदी भाषा का ही उपयोग किया जाता है। समिति ने संस्थान में हिंदी में किए जाने वाले कार्यों पर संतोष जताया। इस अवसर पर डीन सुरेखा किशोर, उप निदेशक अंशुमान गुप्ता, धन प्रकाश लखेड़ा, जनसंपर्क अधिकारी हरीश थपलियाल आदि मौजूद थे।