April 20, 2024

यूपी के इस जिले में खेली जाती है जूतामार होली

रंगों का त्यौहार होली और उसे मनाने के तरीके पूरे देश में अगल-अलग हैं। कहीं फूलों से होली खेली जाती है, तो कहीं लट्ठमार होली खेली जाती है। इसके उलट शाहजहांपुर जिले में होली खेलने की परंपरा सबसे अनूठी है। यहां जूते मारकर होली खेली जाती है। दरअसल जूतामार होली अंग्रेजों द्वारा किए गए अत्याचार के प्रति आक्रोश प्रकट करने का तरीका है। होली पर अंग्रेजों को प्रतीक मानकर उसे जूते से पीटा जाता है। इसे ‘लाट साहब’ के जुलूस के नाम से भी जाना जाता है।

इस बार भी शुक्रवार को निकलने वाले जुलूस के लिए प्रशासन ने भी पूरी तैयारी की है। जिले में शांति व्यवस्था कायम करने के लिये पीएसी बल के साथ भारी सुरक्षा बल की तैनाती की गई है।

दरअसल शाहजहांपुर में ‘लाट साहब’ के नाम से एक जुलूस निकाला जाता है। इस जुलूस में एक युवक को भैंसा गाड़ी पर बैठाकर जूते से पीटा जाता है। इस व्यक्ति को होली के दिन ‘लाट साहब’ कहा जाता है। यहां ‘लाट साहब’ का जुलूस निकालने की ये परंपरा वर्षों पुरानी है। गुलामी के दौरान अंग्रेजो ने जो जुल्म हिंदुस्तानियों पर किए, उसका दर्द आज भी लोग महसूस करते हैं। जिस वजह से यहां के लोग अंग्रेजों के प्रति अपना गुस्सा बेहद अनूठे ढंग से प्रदर्शित करते है।

लाट साहब’ के जुलूस में अंग्रेज के रूप में एक व्यक्ति को भैंसा गाड़ी पर बिठाते है और उसे जूते और झाड़ू से पीटते हुए पूरे शहर में घुमाया जाता है। यहां खास बात ये है कि इस ‘लाट साहब’ के बदन पर एक भी कपड़ा नहीं होता है। लेकिन जब ये जुलूस मेन रोड पर पहुंचता है तो ‘लाट साहब’ को एक पन्नी की चादर से ढ़क दिया जाता है। इस जुलूस में हजारों की संख्या में हुड़दंगी जमकर उत्पात मचाते है। यहां हर कोई लाट साहब के सिर पर जूता मारकर अनोखी परंपरा में शामिल होना चाहता है।

इस जूलूस को निकालने के प्रशासन ने पुख्ता व्यवस्था की है। सभी अधिकारियों की छुट्टी कैंसिल कर ‘लाट साहब’ के जुलूस के लिए लगाया गया है। यही नहीं पुलिस बल के समाजिक संगठनों को एक दिन के लिए पुलिस अधिकारी बनाया गया है।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com