अफगानिस्तान : 7 भारतीय इंजीनियरों को अगवा करने के पीछे हो सकता है तालिबान, छुड़ाने की कवायद तेज
अफगानिस्तान के बगलान प्रांत में अपहृत 6 भारतीय इंजिनियरों का अब तक सुराग नहीं मिल सका है। हालांकि, इस पूरे घटनाक्रम पर विदेश मंत्रालय अपनी नजर बनाए हुए है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने फोन पर अफगानिस्तान के विदेश मंत्री सलाहुद्दीन रब्बानी से बात की है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अफगानिस्तान के विदेश मंत्री ने सुषमा स्वराज को आश्वासन दिया है कि भारतीय इंजिनियरों की रिहाई के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है।
बता दें कि अफगानिस्तान के बगलान में 7 लोगों को तालिबान ने रविवार को किडनैप कर लिया। पहले अगवा सातों लोग भारतीय बताए जा रहे थे, लेकिन बाद में स्पष्ट किया गया कि अगवा 6 भारतीय इंजिनियर हैं जबकि एक शख्स अफगानिस्तान का ही है। बगलान के गवर्नर अब्दुलहई नेमाती ने बताया कि तालिबान ने कर्मचारियों का अपहरण किया है और उन्हें पुल ए खोमरे शहर के दांड शाहबुद्दीन की तरफ ले गए हैं।
नेमाती के हवाले से न्यूज एजेंसी ने बताया कि अफगान अधिकारियों ने स्थानीय लोगों की मदद से तालिबान से बात की है। आतंकी संगठन तालिबान ने कहा कि इसने भारतीयों को सरकारी कर्मचारी समझकर गलती से उनका अपहरण कर लिया। नेमाती की तरफ से जारी बयान के अनुसार, ‘अगवा लोगों को मुक्त कराने के लिए कबाइली सरदारों और मध्यस्थता के जरिए रिहा कराने की कोशिश कर रहे हैं।
अफगानिस्तान के बगलान प्रांत में आरपीजी समूह की एक कंपनी में काम करने वाले सात भारतीय इंजिनियरों को रविवार को कथित तौर पर तालिबान के बंदूकधारियों ने अगवा कर लिया। अफगान मीडिया के मुताबिक इन लोगों को शायद सरकारी कर्मचारी समझकर उठा लिया गया। दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह खुद पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं। सुषमा ने कहा, ‘मंत्रालय लगातार अफगान अधिकारियों के संपर्क में हैं और लगातार रिहाई के लिए कोशिश कर रहे हैं।’ अफगानिस्तान में बिजली आपूर्ति करने में शामिल सबसे बड़ी कंपनियों में केईसी भी एक है।