April 25, 2024

छात्रों पर नहीं लगेगा एंट्री टैक्स,कोटा नगर निगम ने फैसला लिया वापस

राजस्थान के कोटा में मेडिकल और इंजीनियरिंग की कोचिंग के लिए आने वाले बाहरी छात्रों पर नगर निगम ने 1000 रुपये टैक्स लगाने का फैसला किया था। लेकिन छात्रों की ओर से बढ़ते विरोध के कारण नगर निगम को फैसला वापस लेना पड़ा है।

यह था मामला

20 नवंबर को हुई नगर निगम राज्य समिति की एक बैठक में छात्रों से टैक्स वसूलने का निर्णय लिया गया था। नगर निगम शहर में सफाई के लिए पैसा जुटाने के लिए कोचिंग संस्थानों, प्राइवेट कॉलेज और स्कूलों पर नया टैक्स लगाना चाह रही थी। बैठक में कहा गया था कि नगर निगम कोचिंग संस्थानों के जरिए छात्रों से एंट्री टैक्स लेगी। प्रत्येक छात्र को हर साल 1000 रुपये देने होंगे।
कोटा में हर साल लगभग सवा लाख बाहरी छात्र तैयारी करने आते हैं जिसमें से 80 हजार बिहार से आते हैं। लेकिन महज एक दिन के भीतर नगर निगम को ये फैसला वापस लेना पड़ा।

बैठक में फैसला लिया गया कि शहर में ऐसे बड़े कोचिंग सेंटर हैं, जिनमें छात्राओं की संख्या 250 से अधिक है। उनका रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है। वहीं प्रत्येक छात्र से हर साल सरकार 1000 रुपये टैक्स के रूप में वसूलेगी।

कोटा को मेडिकल और इंजीनियरिंग कोचिंग के लिए सर्वश्रेष्ठ शहर माना जाता है। रिपोर्ट के अनुसार यहां 150 से अधिक कोचिंग सेंटर हैं जो JEE Mains, JEE Advance, और NEET-UG, AIIMS जैसे मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा के लिए छात्रों को तैयार करते हैं। प्रत्येक वर्ष कोटा से कोचिंग लेने वाले छात्र IIT जैसी विभिन्न परीक्षाओं में चुने जाते हैं।

कोटा में प्रत्येक वर्ष लगभग 1.5 लाख से अधिक छात्र कोचिंग लेते हैं। ऐसे में जहां छात्र और छात्राएं अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए दूर-दूर से कोचिंग लेने आते हैं, उस स्थिति में नगर निगम का प्रत्येक छात्र से 1000 हजार रुपये वसूलना उनका बजट बिगाड़ सकता है। वहीं जो छात्र आर्थिक स्थिति से जूझ रहे हैं उनके लिए ये एक बड़ी समस्या है।

टैक्स वसूलने के फरमान के विरुद्ध कोटा में पढ़ने वाले छात्र जमकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वह हाथों में तख्तियां लिए घूम रहे हैं जिनमें लिखा है ‘अंकल हम पढ़ने आए हैं प्लीज हमसे टैक्स नही लो’।

छात्रों का कहना है कि जीएसटी की वजह से पहले से ही कोचिंग की फीस में 20 हजार तक की बढ़ोत्तरी हो गई है। कांग्रेस भी इस मौके को हाथ से जाने देना नहीं चाहती इस लिए वो कोटा नगर निगम के इस फैसले के विरोध में उतर आई है।

कांग्रेस नेता शांति धारीवाल ने कहा कि यहां पढ़ने आने वाले छात्रों पर अन्याय है। यही बच्चे तो कोटा की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और इन्हीं पर टैक्स लगाया जा रहा है।


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