इच्छा मृत्यु पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ आज सुनाएगी फैसला
इच्छा मृत्यु के मामले पर सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ आज फैसला सुनाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 12 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रखा था। अंतिम सुनवाई में केंद्र ने इच्छा मृत्यु का हक देने का विरोध करते हुए इसका दुरुपयोग होने की आशंका जताई थी। पिछली सुनवाई में संविधान पीठ ने कहा था कि ‘राइट टू लाइफ’ में गरिमापूर्ण जीवन के साथ-साथ गरिमामय ढंग से मृत्यु का अधिकार भी शामिल है’ ऐसा हम नहीं कहेंगे। हालांकि पीठ ने आगे कहा कि हम ये जरूर कहेंगे कि गरिमापूर्ण मृत्यु पीड़ा रहित होनी चाहिए।
इस मुद्दे पर केंद्र सरकार ने कहा था कि इच्छा मृत्यु पर अभी सरकार सारे पहलुओं पर गौर कर रही है और इस मामले में आम जनता और इस क्षेत्र में काम कर रहे सामाजिक संगठनों से सुझाव भी मांगे गए हैं। हालांकि केंद्र ने इच्छा मृत्यु यानी लिविंग विल का विरोध किया है। बता दें कि एक एनजीओ ने लिविंग विल का अधिकार देने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। उसने सम्मान से मृत्यु को भी व्यक्ति का अधिकार बताया था।
क्या है लिविंग विल
– लिविंग विल में कोई भी व्यक्ति जीवित रहते वसीयत कर सकता है कि लाइलाज बीमारी से ग्रस्त होकर मृत्यु शैय्या पर पहुंचने पर शरीर को जीवन रक्षक उपकरणों पर न रखा जाए।
– केंद्र ने कहा अगर कोई लिविंग विल करता भी है तो भी मेडिकल बोर्ड की राय के आधार पर ही जीवन रक्षक उपकरण हटाए जाएंगे।