जहां नीतीश पर चले थे पत्थर, वहां तेजस्वी पर बरसे फूल
अभी हाल में बिहार के बक्सर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर पत्थरबाजी हुई थी। घटना 12 जनवरी की है जब नंदर गांव के लोगों ने जमकर पत्थरबाजी की थी।गांववालों के गुस्से का शिकार वहां मौजूद कई पुलिसवाले भी हुए। बाद में आरजेडी ने आरोप लगाया कि सीएम का काफिला गांव से निकलने के बाद पुलिस ने भीड़ पर काबू पाने के लिए बहुत गुस्सा निकाला।
वहां के लोगों को सांत्वना देने के लिए प्रदेश के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव पहुंचे। तेजस्वी के पहुंचने पर दलित बस्ती के लोगों ने फूलों की बारिश कर उनका स्वागत किया है।
ट्वीट कर दी जानकारी
नंदर गांव में तेजस्वी के जोरदार स्वागत की जानकारी आरजेडी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर दी है। पार्टी ने तेजस्वी यादव की तस्वीरें शेयर करते हुए कहा है कि नंदर गांव में जहां सीएम पर पत्थर बरस रहे थे वहीं तेजस्वी पर फूल बरस रहे हैं।
स्वागत से जदयू परेशान
तेजस्वी पर फूल बरसने की घटना के बाद जेडीयू ने तीखी आलोचना की है। जेडीयू ने कहा, भाड़े के लोगों से अपने ऊपर फूल बरसाकर तेजस्वी ने ग्रीन कारपेट पॉलिटिक्स की शुरुआत कर दी है।
पार्टी प्रवक्ता संजय सिंह ने ट्विटर पर कहा, तेजस्वी की राजनीति का असली चेहरा सामने आ चुका है क्योंकि वह नंदर गांव गए थे, वहां के महादलित परिवारों को सांत्वना देने मगर वहां पर उन्होंने भाड़े के लोगों से अपने ऊपर फूल बरसवाए।ग्रीन कारपेट पॉलिटिक्स में अब वे आ चुके हैं। जेडीयू प्रवक्ता ने तंज कसते हुए कहा कि तेजस्वी को बिहार की जनता अनुकंपा नेता के तौर पर लेती है, इसलिए ऐसा स्वागत हुआ।
‘बेनामी संपत्ति पर मुंह खोलें तेजस्वी’
जेडीयू ने फूलों की बारिश के बहाने तेजस्वी के कथित घोटालों पर भी बहुत कुछ बोला। बकौल पार्टी प्रवक्ता संजय सिंह, ‘तेजस्वी राजनीति में अनैतिकता के रोल मॉडल बन चुके हैं. तेजस्वी अपनी बेनामी संपत्ति बचाने के लिए रोज नए प्रपंच कर रहे हैं’।
जेडीयू प्रवक्ता ने कहा कि लालू परिवार के सामाजिक न्याय के ढकोसले से जनता ऊब चुकी है और वह अब हिसाब चाहती है कि आखिर लालू परिवार ने इतनी अकूत संपत्ति कैसे जमा की? संजय सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव को पहले इस सवाल का जवाब देना चाहिए और इस मुद्दे पर अपना मुंह खोलना चाहिए।