ट्रेन में नीचे की सीट पर सफर करने के लिए आप को अपनी जेब और ढीली करनी होगी
नई दिल्ली। त्योहारों के दौरान और ट्रेन में नीचे की सीट (लोअर बर्थ) पर सफर करने के लिए रेल यात्रियों को अपनी जेब और ढीली करनी पड़ सकती है। चौंकिए नहीं, अगर रेलवे बोर्ड किराया समीक्षा समिति की सिफारिशें मान लेता है तो ऐसा ही होने वाला है। समिति ने रेलवे बोर्ड को सोमवार को अपनी रिपोर्ट सौंपी है।
सूत्रों ने बताया कि प्रीमियम ट्रेनों में फ्लेक्सी-फेयर सिस्टम की समीक्षा के लिए गठित समिति ने सिफारिश की है कि एयरलाइंस और होटलों के बाद रेलवे को भी इस डायनामिक प्राइसिंग मॉडल (गतिशील मूल्य निर्धारण तंत्र) को अपनाना चाहिए। सूत्रों का कहना है कि विमान में यात्रा करने वाले अधिकतर यात्री अग्रिम पंक्ति की सीटों पर बैठने के लिए अधिक धन देते हैं। रेल यात्री भी अपनी पसंद की सीटों के लिए अतिरिक्त धनराशि दे सकते हैं।
उन्होंने बताया कि “सुविधाजनक” समय पर चलने वाली और किसी विशेष मार्ग की लोकप्रिय ट्रेनों के किराये में भी वृद्धि की जा सकती है। समिति ने यह भी सिफारिश की है कि एकसमान किराये की बजाय त्योहारों के दौरान रेलवे को किराया बढ़ाना और जिन महीनों में कम लोग यात्रा करते हैं उस दौरान किराया कम करना चाहिए। समिति ने यह भी सुझाव दिया है कि असुविधाजनक समय, उदाहरण के लिए रात्रि 12 से सुबह चार बजे तथा दोपहर एक से शाम छह बजे के दौरान पहुंचने वाली ट्रेनों के यात्रियों को किराये में छूट देनी चाहिए।
समिति में रेलवे बोर्ड के कुछ अधिकारियों के अलावा, नीति आयोग के सलाहकार रविंदर गोयल, एयर इंडिया की कार्यकारी निदेशक (राजस्व प्रबंधन) मीनाक्षी मलिक, प्रोफेसर एस श्रीराम, दिल्ली स्थित ली मेरिडियन की राजस्व निदेशक इति मणि शामिल थे।