March 29, 2024

17 साल से लटका है उत्‍तराखंड और उत्‍तर प्रदेश के बीच परिवहन करार

उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच 17 साल से लटके परिवहन करार पर रविवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की मौजूदगी में हस्ताक्षर होना था। लेकिन एक बार फिर यह स्थगित हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की व्यस्तताओं के कारण यह कार्यक्रम कुछ दिन के लिए स्थगित हो गया। उत्तराखण्ड के परिवहन मंत्री यशपाल आर्य भी इस कार्यक्रम के लिए समय नहीं निकाल पा रहे थे। उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री भी गुजरात चुनाव प्रचार में व्यस्त है।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस समझौते पर जल्द ही हस्ताक्षर हो जाएंगे। संभवत: अब समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर लखनऊ में ही होगा। करार होने के बाद से दोनों राज्यों की रोडवेज बसें निश्चित फेरों के हिसाब से न केवल संचालित होंगी, ट्रांसपोर्टरों को भी राहत मिलेगी। उन्हें 4 माह में टैक्स कटाने से छूट मिलेगी और एक बार में ही सीधे 5 वर्ष का टैक्स चुका सकेंगे। इस करार से उत्तराखण्ड सरकार को सालाना 15 करोड़ रुपये टैक्स भी मिलेगा।

उत्तर प्रदेश से वर्ष 2000 से अलग होने के बाद 3 वर्ष तक उत्तर प्रदेश ही उत्तराखंड में रोडवेज की सुविधाएं देता रहा। 2003 में उत्तराखंड परिवहन निगम का गठन हुआ जिसके बाद दोनों प्रदेशों में बसों के संचालन और परिसंपत्तियों के बंटवारे को लेकर सहमति नहीं बन सकी।

14 वर्षो में साल में 12 बार उच्चस्तरीय कमेटी की बैठक सिरे नहीं चढ़ सकी। करार पर मुहर लगने के बाद से परमिटो को लेकर कोई विवाद नहीं होगा व नए रूटों पर बसों का संचालन आसानी से होगा।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com