उत्तर प्रदेश : न्यायालयों में 265 दिन होगा काम, रजिस्ट्रार जनरल ने जारी किया वार्षिक कैलेंडर
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश में अब न्यायालयों में न्यूनतम कार्य दिवस की बाध्यता होगी। आवश्यक रूप से निर्धारित समय पर न्यायालयों में कामकाज होगा। यूपी के सभी न्यायालय में कम से कम 265 दिन काम होगा। इस बावत हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने जिला न्यायालयों के लिए वार्षिक कैलेंडर जारी कर दिया है। न्यूनतम कार्यदिवस की बाध्यता लागू कर वादकारियों को होने वाली समस्या को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही न्यायालयों पर बढ़ते बोझ को रोकने की दिशा में बड़ा कदम होगा। दरअसल हड़ताल व अघोषित अवकाश चलते न्यायालय का काम 6 महीने से भी कम हो पाता है, जिससे निजात के लिये न्यूनतम कार्यदिवस की सीमा निर्धारित की गई है जो बाध्यकारी होगी।
फिर भी मिल जायेगी 120 दिन की छुट्टी
उत्तर प्रदेश के जिला न्यायालयों में भले ही काम के न्यूनतम दिन तय कर दिए गए हैं लेकिन जिला न्यायालयों के लिए बना वार्षिक कैलेंडर छुट्टी से भरा पड़ा है। साल भर में 120 दिन अवकाश मिलना लगभग तय है जिसमें त्योहार के अलावा साप्ताहिक, शीतकालीन व ग्रीष्मकालीन छुट्टी शामिल हैं जबकि स्थानीय अवकाश भी अधिकतम 5 मिल जायेंगे। गौरतलब है कि कैलेंडर के कुल 120 दिन के अवकाश में 21 दिन तो त्योहार के हैं, जिन पर अवकाश घोषित है। कुल 52 रविवार पड़ेंगे और 12 द्वितीय शनिवार भी अवकाश प्रदान करेंगे जबकि जून माह के पूरे 30 दिन दीवानी मुकदमों की सुनवाई नहीं होगी।
इलाहाबाद में 5 स्पेशल अवकाश
सूबे के न्यायालयों के अवकाश कैलेंडर घोषित होने के बाद इलाहाबाद में जिला जज ने पांच स्थानीय अवकाश भी घोषित कर दिया है। यह अवकाश उन्होंने को स्थानीय अवकाश अलग से घोषित करने के अधिकार के तहत दिया है।
1 – 16 जनवरी को मौनी अमावस्या
1- 22 जनवरी को वसंत पंचमी
3 – 3 मार्च को होली का दूसरा दिन
4- 5 जून को हजरत अली शहादत दिवस
5- 9 नवम्बर को भैया दूज ।
ये पांच छुट्टी स्थानीय अवकाश के तहत इलाहाबाद के लिये घोषित हुई है ।