April 26, 2024

योगी सरकार खत्म कर सकती है 2300 मदरसों की मान्यता

उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड के वेब पोर्टल पर अपना ब्यौरा नहीं देने वाले करीब 2300 मदरसों की मान्यता खत्म होने की कगार पर है। राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने ऐसे मदरसों को फर्जी माना है।

प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने बताया कि प्रदेश में 19 हजार 108 मदरसे राज्य मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त हैं। उनमें से 16 हजार 808 मदरसों ने पोर्टल पर अपना ब्यौरा फीड किया है। वहीं, करीब 2300 मदरसों ने अपना विवरण नहीं दिया है. उन्हें हम फर्जी मान रहे हैं।

गुजर गई जानकारी देने की अंतिम तारीख
मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार राहुल गुप्ता ने बताया कि वेब पोर्टल पर जानकारी डालने की अंतिम तारीख गुजर चुकी है, लिहाजा इन 2300 मदरसों की मान्यता खत्म की जाएगी।

उन्होंने बताया कि इस बार आलिया (कक्षा आठ से ऊपर) स्तर के 3691 मदरसे पंजीकृत हुए हैं। इनके छात्र-छात्राओं को बोर्ड की परीक्षाओं में शामिल किया जाएगा. परीक्षा फार्म भरने की अंतिम तारीख 15 जनवरी है. पिछली बार 2773 मदरसों के छात्रों ने परीक्षा दी थी।

सरकार दे सकती है मदरसों को आखिरी मौका
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने कहा कि सरकार अपनी जानकारी पोर्टल पर नहीं देने वाले मदरसों के प्रति अब भी नरम रख अपनाये हुए है। ऐसे मान्यता प्राप्त मदरसे अब भी आकर अपनी समस्या से अवगत कराते हैं तो हम समाधान के लिये तैयार हैं। पोर्टल पर पंजीकृत मदरसों के किसी भी छात्र को परीक्षा से वंचित नहीं किया जाएगा।

नारायण ने कहा कि सरकार मदरसों में पारदर्शिता लाने के लिये प्रयासरत है, जबकि विपक्ष इसे लेकर इल्जाम लगाने का खेल खेल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार कोई नई व्यवस्था बनायेगी, जिससे मदरसों में शिक्षकों तथा अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति या बर्खास्तगी सरकार की सहमति से हो।

‘जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों की भूमिका की हो जांच’
इस बीच, टीचर्स एसोसिएशन मदारिस अरबिया ने 2300 मदरसों की मान्यता खत्म किये जाने की तैयारियों के बारे में कहा कि वेब पोर्टल पर मदरसों का ब्यौरा उपलब्ध नहीं होने में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों की भूमिका की जांच होनी चाहिये। उसके बाद ही मदरसों पर कोई कार्रवाई हो।

उन्होंने सरकार से मांग की कि वह जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों के कार्यालय से जानकारी मांगे कि उनके यहां कितने मदरसों ने अपना विवरण जमा कराया है और उनमें से कितने मदरसों का ब्यौरा वेब पोर्टल पर आ चुका है. तभी दूध का दूध और पानी का पानी हो सकेगा।

जमां ने कहा कि उन्होंने जिलों में पोर्टल पर ब्यौरा डालने के लिये जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने के नाम पर हो रही लूट-खसोट के बारे में संबंधित प्रमुख सचिव से लेकर मुख्यमंत्री तक को कई खत लिखे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में अगर इन 2300 मदरसों की मान्यता खत्म की जाएगी तो यह अन्याय होगा।


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