April 26, 2024

उत्तराखंड सरकार ने 2017 में प्रदेश की 8% से अधिक जनसंख्या को ग्रामीण से शहरी बना दिया

उत्तराखंड सरकार ने अकेले वर्ष 2017 में ही प्रदेश की आठ प्रतिशत से अधिक जनसंख्या को ग्रामीण से शहरी जनसंख्या बना दिया है, 385 गांवों का वजूद खत्म करके उन्हें शहरों में शामिल कर दिया है। प्रदेश की 50,104 हेक्टेयर भूमि पर उत्तराखंड में बाहरी लोगों के भूमि खरीदने पर प्रतिबंध वाला भूमि कानून अब लागू नहीं होगा। यह खुलासा सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीमुद्दीन को उत्तराखंड के शहरी विकास विभाग के द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना से हुआ।

 काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीमुद्दीन ने उत्तराखंड शासन के शहरी विकास विभाग से नगर निगम, नगर पालिकाओं तथा नगर पंचायतों में शामिल क्षेत्रों व नए नगर निकाय बनाने के सम्बन्ध में सूचना मांगी। इसके उत्तर में विभाग की लोक सूचना अधिकारी/अनुभाग अधिकारी कलावती मर्तोलिया द्वारा जारी की गयी 46 अधिसूचनाओं की फोटो प्रतियां उपलब्ध कराई सूचना से प्राप्त हुई। इसमें 385 ग्रामों की भूमि को शहरी क्षेत्र में शामिल करने का तथ्य प्रकाश में आया है।

सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार कुल 45 नगर निकायों में ग्रामीण क्षेत्रों को शामिल किया गया है। इसमें से एक मात्र नगर निकाय नगर निगम रूड़की में जहां 80.681 हेक्टेयर क्षेत्र शामिल किया गया है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों पाडली गुर्जर तथा रायपुर के 503.941 हैक्टेयर क्षेत्र को निगम से अलग किया गया है। अन्य 44 नगर निकायों में 385 ग्रामों के 50104.13 हेक्टेयर क्षेत्र को शामिल किया गया है।

इस क्षेत्र में 89 लाख 52 हजार 614 आबादी निवास करती है। शहरी क्षेत्र में शामिल भूमि पर भूमि अधिनियम के प्रावधान लागू नहीं होते हैं, इसलिए इस भूमि से उत्तराखंड के बाहर के निवासियों पर भूमि खरीद का प्रतिबंध भी समाप्त हो गया है।

सूचना के अनुसार उत्तराखंड के 13 जिलों में से 12 जिलों में ग्रामीण क्षेत्रों को शहरी क्षेत्रों में शामिल किया गया है। अल्मोड़ा जिले को छोड़कर अन्य सभी जिलों के ग्रामीण क्षेत्र शहरी निकायों को भाग बनाये गये है। इसके अतिरिक्त रूड़की नगर निगम में 80.681 हेक्टेयर ग्रामीण क्षेत्र शामिल किया गया है तथा 503.941 हैक्टेयर क्षेत्र रूड़की नगर निगम से पृथक किया गया है। गढ़वाल मण्डल में देहरादून जिले में सर्वाधिक 85 ग्रामों के 20221.294 हैक्टेयर ग्रामीण क्षेत्र को नगर निगम के अतिरिक्त हरबर्टपुर, विकास नगर, ऋषिकेश, डोईवाला शामिल किया गया है। पौड़ी गढ़वाल जिले के 80 ग्रामों के 4631.236 हैक्टेयर ग्रामीण क्षेत्र को श्रीनगर तथा कोटद्वार शहरी निकायों में शामिल किया गया है।

उत्तरकाशी जिले के 35 ग्रामों के 2067.411 हैक्टेयर ग्रामीण क्षेत्र को बड़कोट तथा बाराहाट में शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त चमोली जिले के 7 ग्रामों के 607.988 हैक्टेयर ग्रामीण क्षेत्र को औली, कर्णप्रयाग, नन्द प्रयाग निकायों में शामिल किया गया है। हरिद्वार जिले के 11 ग्रामों के 976.1207 हैक्टेयर ग्रामीण क्षेत्र को शिवालिक नगर, झखेडा, लण्डौरा तथा हरिद्वार नगर निकाय में शामिल किया गया है। टिहरी जिले के 9 ग्रामों के 415.011 हैक्टेयर ग्रामीण क्षेत्र को देव प्रयाग, नरेन्द्र नगर, कीर्ति नगर तथा छपियावाला नगर निकायों में शामिल किया गया है। रूद्रप्रयाग जिले के 8 ग्रामों के 478.603 हैक्टेयर क्षेत्र को अखीमठ, अगस्तमुरि तथा तिलवाड़ा नगर निकाय में शामिल किया गया है।

कुमाऊं मण्डल के छह में से पांच जिलों में ग्रामीण क्षेत्रों को शहरी निकायों में शामिल किया गया है। इसमें सर्वाधिक 63 ग्रामों के 14557.1875 हैक्टेयर ग्रामीण क्षेत्र को उधमसिंह नगर जिले के 11 नगर निकायों में शामिल किया गया है। इसमें काशीपुर, रूद्रपुर नगर निगम के अतिरिक्त सितारगंज, गदरपुर, किच्छा, खटीमा, बाजपुर, सुल्तानपुर, दिनेशपुर, गूलरभोज, शक्तिगढ़ नगर निकाय शामिल है। नैनीताल जिले के 52 ग्रामों के 4576.753 हैक्टेयर ग्रामीण क्षेत्र को हल्द्वानी, भवाली, भीमताल नगर निकाय में शामिल किया गया है। बागेश्वर जिले के 20 ग्रामों के 732.308 हैक्टेयर ग्रामीण क्षेत्र को बागेश्वर नगर पालिका में शामिल किया गया है। चम्पावत जिले के 4 ग्रामों के 67.913 हैक्टेयर क्षेत्र को टनकपुर नगर पालिका क्षेत्र में शामिल किया गया है। पिथौरागढ़ जिले के 11 ग्रामों के 772.492 हैक्टेयर क्षेत्र को पिथौरागढ़ व डीडीहाट नगर निकाय में शामिल किया गया है।

उत्तराखंड में 2017 में शहरी निकायों के सीमा विस्तार से साढ़े आठ लाख से अधिक ग्रामीण जनता शहरी क्षेत्रों की निवासी बन गयी है। इसमें सर्वाधिक 2.91 लाख देहरादून जिले तथा 2.12 लाख उधमसिंह नगर जिले की जनता शामिल है।

उत्तराखंड में कृषि भूमि खरीदने पर प्रदेश के बाहर के लोगों पर रोक लगाने वाला भूमि कानून शहरी क्षेत्रों पर लागू न होने के कारण शहरी क्षेत्र में शामिल 50 हजार हैक्टेयर से अधिक भूमि पर यह प्रतिबंध स्वतः हट गया है। अब इन क्षेत्रों की भूमि को कोई भी व्यक्ति खरीद व प्राप्त कर सकता है।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com