वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के 300 करोड़ का कर्ज लेगी उत्तराखंड सरकार
प्रदेश सरकार कुछ वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए खुले बाजार से कर्ज उठाने जा रही है।
प्रदेश सरकार ने बुधवार को करीब ढाई लाख कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में दो फीसदी की बढ़ोत्तरी की। महंगाई भत्ता बढ़ाए जाने से सरकारी खजाने पर लगभग 60 करोड़ रुपये का सालाना बोझ पड़ा है।
अब सरकार सातवें वेतनमान के भत्तों देने पर भी विचार कर रही है। भत्तों के लिए उसे 350 से 400 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि जुटानी होगी। सूत्रों की मानें तो आय के सीमित संसाधनों के चलते सरकार के पास विकास कार्यों, वेतन-भत्तों और पेंशन के खर्च में संतुलन बनाने के लिए कर्ज उठाने के अलावा कोई चारा नहीं है।
इसी मजबूरी के चलते वह पिछले दो महीनों में 800 करोड़ रुपये का कर्ज उठा चुकी है। आरबीआई ने प्रदेश सरकार के लिए कर्ज की सीमा तय कर रखी है। आमतौर पर सरकार इस सीमा के भीतर ही कर्ज लेती है। यह कर्ज पूंजीगत खर्च के नाम पर तो लिया जाता है, लेकिन अकसर सरकारें इससे अपने वेतन, भत्ते और पेंशन के खर्च का निपटारा करती हैं।