विकास कार्यों की समीक्षा बैठक में कांग्रेस व निर्दलीय विधायकों के निर्वाचन क्षेत्र शामिल नहीं
बता दें कि चार जुलाई को मुख्यमंत्री के निजी सचिव की ओर से एक पत्र जारी कर राज्य की 57 विधानसभाओं (जहाँ से भाजपा के विधायक जीते हैं), के विकास कार्यों की समीक्षा का कार्यक्रम जारी किया गया है।समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के साथ सम्बंधित क्षेत्र के विधायक और राज्य के मुख्य सचिव भी मौजूद रहेंगे। खास बात है कि इस समीक्षा सूची में 11 कांग्रेसी विधायकों और दो निर्दलीय विधायकों के निर्वाचन क्षेत्र गायब हैं। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेसी विधायक मनोज रावत ने मुख्यमंत्री पर हमला बोल दिया है। अपने एक पत्र में रावत ने मुख्यमंत्री से सवाल किया है कि क्या 13 विधानसभाओं के लोग उत्तराखंड के नागरिक नहीं हैं।
क्या यहां के लोगों को विकास नहीं चाहिए। मुख्यमंत्री जी शायद आप यह भूल गए हैं कि आपने संविधान की शपथ लेते हुए कहा था कि आप बतौर मुख्यमंत्री विकास के मामले में किसी भी तरह का भेदभाव नहीं करेंगे। कांग्रेसी विधायक ने कहा, मुख्यमंत्री को यह बताना होगा कि वे ग़ैर भाजपाई विधानसभा क्षेत्रों के विकास कार्यों की समीक्षा से दूर क्यों भाग रहे हैं। मनोज रावत ने मुख्यमंत्री को चेताते हुए कहा, कि उनके अपने साथी और सलाहकार ही उन्हें राजनीतिक तौर पर डुबोने में लगे हैं।
मुख्यमंत्री पर सवालों की बौछार
– क्या आप कांग्रेसी विधायकों और निर्दलीय विधायकों की समीक्षा भारतीय जनता पार्टी के विधायकों के साथ नहीं करना चाहते हैं
– क्या आप लोकतांत्रिक सरकारों में अंतिम निर्विवाद राजा हैं।यही वजह है कि आप विपक्षी दलों की कोई परवाह नहीं कर रहे
– मुख्यमंत्री बनने के बाद आपने घोषणा की थी कि हर विधायक को एक साल में 10 करोड़ रुपये की राशि सड़कें बनाने के लिए देंगे
– 50 लाख रुपए मुख्यमंत्री राहत कोष से जरूरतमंदों को दिए जाएंगे
– एक साल के आंकड़ों को उठाकर देखें तो उक्त दोनों मामलों में कांग्रेस के विधायकों को कुछ भी नहीं दिया गया है
– आपने कितने गरीबों, बीमारी से पीड़ित लोग एवं दूसरे जरूरतमंदों को कोई मदद की है तो बतायें
गुरुवार से शुरू होगी समीक्षा बैठक
7 जुलाई – देहरादून जनपद
9 जुलाई – हरिद्वार
10 जुलाई – ऊधमसिंह नगर
13 जुलाई – चमोली
19 जुलाई – नैनीताल
20 जुलाई – पिथौरागढ़
23 जुलाई – अलमोडा
24 जुलाई – पौड़ी गढ़वाल
26 जुलाई – उत्तरकाशी