क्या है वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम और इसकी उपयोगिता
नई दिल्ली। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम यानी विश्व आर्थिक मंच स्विट्जरलैंड में स्थित एक गैर-लाभकारी संस्था है। इसका मुख्यालय जिनेवा में है। स्विस अधिकारियों द्वारा इसे एक निजी-सार्वजनिक सहयोग के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था के रूप में मान्यता मिली है।
इसका मिशन विश्व के व्यवसाय, राजनीति, शैक्षिक और अन्य क्षेत्रों में अग्रणी लोगों को एक साथ लाकर वैशविक, क्षेत्रीय और औद्योगिक दिशा तय करना है। इसकी स्थापना 1971 में यूरोपियन प्रबंधन के नाम से जिनेवा विश्वविद्यालय में कार्यरत प्रोफेसर क्लॉस एम श्वाब द्वारा की गई थी।
वर्ष 1987 में इसका नाम विश्व आर्थिक फोरम कर दिया गया और तब से अब तक प्रतिवर्ष जनवरी महीने में इसके बैठक का आयोजन होता है। प्रारम्भ में इन बैठकों में प्रबंधन के तरीकों पर चर्चा होती थी। मगर, अरब-इजराइल युद्ध छिड़ने के कारण इस बैठक का ध्यान आर्थिक और सामाजिक मुद्दों की और मुड़ा और पहली बार राजनीतिज्ञों को इस बैठक के लिए निमंत्रित किया गया।
हर साल अलग होती है थीम
हर साल इस बैठक का मुख्य मुद्दा अलग होता है। इस साल 48वीं बैठक का आयोजन होने जा रहा है। इस बार थीम है- ‘विभाजित दुनिया के लिए साझा भविष्य का निर्माण।’ साल 2017 में ‘संवेदनशील और जिम्मेदार नेतृत्व’, 2016 में ‘चौथी औद्योगिक क्रांति में प्रवीणता’ और 2015 में ‘नए वैश्विक संदर्भ’ थीम थी।
इस फोरम की सर्वाधिक चर्चित घटना वार्षिक शीतकालीन बैठक में होती है, जिसका आयोजन स्विटजरलैंड के दावोस में किया जाता है। इस बैठक में करीब 2500 लोग भाग लेते हैं जिसमें विश्व जगत के, अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिज्ञ, गिने चुने बुद्धिजीवी और पत्रकार प्रमुख होते हैं। इसमें उन विषयों पर चर्चा होती है जिस पर विश्व समुदाय की चिंतन अत्यावश्यक मानी जाती है।
चीन में होती है ग्रीष्मकालीन वार्षिक बैठक
वर्ष 2007 में इस संस्था ने एक ग्रीष्मकालीन वार्षिक बैठक का आयोजन शुरु किया। इसका आयोजन चीन के दो सहारों के बीच बारी-बारी से किया जाता है। इसमें लगभग 1500 सहभागी आते हैं और वे अधिकतर तेजी से बढ़ती आर्थिक व्यवस्थाएं चीन, भारत, रूस, मेक्सिको और ब्राजील से आते हैं। ये लोग अगली पीढ़ी की युवा उद्योगपति अथवा राजनीतिज्ञ होते हैं, जो अपनी सोच और विचारों से दुनिया को अवगत कराते हैं।