April 25, 2024

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बोले केजरीवाल- ये दिल्ली की जनता और लोकतंत्र की जीत

दिल्ली का बॉस कौन होगा इस पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ जाने के बाद दिल्ली सरकार इसे अपने लिए बड़ी जीत मान रही है। वहीं विपक्ष इसे केजरीवाल सरकार की करारी हार मान रहा है। इस फैसले के आने के बाद पक्ष विपक्ष सभी की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं।

इस पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट कर इसे दिल्ली की जनता की बड़ी जीत बताया है। उन्होंने लिखा- दिल्ली की जनता की बड़ी जीत…लोकतंत्र की भी बड़ी जीत।

वहीं आप के बागी नेता कपिल मिश्रा ने भी इस फैसले के बाद ट्वीट किया और कहा कि, सबकुछ फिर से वही हो गया। दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिल सकता। एलजी शाषक हैं। 239 एए के अनुसार कैबिनेट से लेनी होगी सलाह।

मुझे लगता है कि सुप्रीम कोर्ट ने जो कहा है वो बेहद स्पष्ट है। संविधान के आर्टिकल 239(एए) के मुताबिक दिल्ली एक राज्य नहीं है, यह एक केंद्र शासित राज्य है। अगर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल अगर साथ मिलकर काम नहीं करेंगे तो दिल्ली में परेशानियां आएंगी। हमने 15 साल तक दिल्ली में सरकार चलाई तब तो को परेशानी नहीं हुई।

दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले से उलट सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उपराज्यपाल दिल्ली में फैसला लेने के लिए स्वतंत्र नहीं हैं, एलजी को कैबिनेट की सलाह के अनुसार ही काम करना होगा। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ये भी साफ कर दिया है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना संभव नहीं है। पढ़ें सुप्रीम कोर्ट के फैसले की बड़ी बाते-

पढ़ें फैसले में क्या-क्या कह रहे हैं चीफ जस्टिस-
-लोकतांत्रिक मूल्य सर्वोच्च हैं
-शक्ति एक जगह केंद्रित नहीं हो सकती
-सरकार जनता के लिए उपलब्ध हो
-भारत में संसदीय प्रणाली है
-शक्तियों में समन्वय होना चाहिए
– केंद्र और राज्य मिलकर काम करें
-संघीय ढांचे में राज्य को स्वतंत्रता है
-जनमत का महत्व है तकनीकी पहलुओं में उलझाया नहीं जा सकता

-संसद का कानून सबसे ऊपर
-एलजी हैं दिल्ली के प्रशासक
-मतभेद हों तो राष्ट्रपति के पास जाएं
-कैबिनेट की सलाह से करें काम
-हर फैसले में LG की सहमति अनिवार्य नहीं है (किन फैसलों में यह स्पष्ट होना बाकी)
-शक्ति एक जगह केंद्रित नहीं हो सकती, अराजकता के लिए जगह नहीं
-दिल्ली सरकार के काम में बाधा न डालें एलजी
-हर मामले में बाधा न डालें एलजी
-एलजी सारे फैसलों को मैकेनिकल तरीके से राष्ट्रपति को नहीं भेजेंगे
-एलजी पहले खुद उस पर अपनी बुद्धिमत्ता का प्रयोग करेंगे और चुने हुए सदस्यों को अहमियत देंगे

दिल्ली सरकार बनाम उपराज्यपाल के बीच विवाद जगजाहिर है। हर मामले में दिल्ली सरकार उपराज्यपाल के माध्यम से केंद्र सरकार पर हमला करती रही है।हाईकोर्ट ने अगस्त 2016 में दिए अपने फैसले में स्पष्ट कर दिया था कि दिल्ली देश की राजधानी है और केंद्र शासित होने के चलते उपराज्यपाल ही दिल्ली के बॉस हैं। उनकी अनुमति मामलों में जरूरी है। इस फैसले के बाद अधिकांश मामले में दिल्ली सरकार के पर कट गए और उपराज्यपाल व दिल्ली सरकार के बीच विवाद बढ़ता गया।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com