April 26, 2024

उत्तर प्रदेश की दो लोकसभा सीट पर -क्यों उप-चुनाव में जीत इतना महत्व रखती है

उत्तर प्रदेश की दो लोकसभा सीट फूलपुर और गोरखपुर के लिए इस वक्त मतगणना का काम चल रहा है और कुछ देर में स्थित पूरी तरह से साफ हो जाएगी। लेकिन, यहां ये जानना जरूरी है कि क्यों उप-चुनाव में यह जीत काफी महत्व रखती है।

1-यह उप-चुनाव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की तरफ से सीट छोड़ने के बाद गोरखपुर और फूलपुर में चुनाव हुआ है। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिली शानदार जीत के बाद उन्हें विधान परिषद में भेजा गया था।

2-रविवार को इन दोनों सीटों पर वोटिंग हुई लेकिन मतदान काफी कम देखने को मिला। गोरखपुर में सिर्फ 47 फीसदी लोगों ने मतदान किया जबकि फूलपुर में 38 फीसदी लोगों ने वोटिंग की।

3-भगवा पार्टी ने यहां पर कौशलेन्द्र सिंह पटेल को फूलपुर सीट पर उतारा है जबकि कौशलेन्द्र दत्त शुक्ला को गोरखपुर मे उतारा गया है। इनके खिलाफ फूलपुर सीट से समाजवादी पार्टी के प्रवीण निषाद और गोरखपुर सीट से नागेन्द्र प्रताप सिंह पटेल चुनावी मैदान में हैं। कांग्रेस ने गोरखपुर से सुरीथा करीम और फूलपुर लोकसभा सीट से मनीष मिश्रा को उतारा है।

4-बीएसपी सुप्रीमो मायावती की तरफ से समाजवादी पार्टी को समर्थन देने के बाद बीजेपी के खिलाफ यह मुकाबला त्रिकोणीय और दिलचस्प हो गया है।

5- सपा और बसपा का एक्सपेरिमेंट 2019 के आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी की काट में आगे की दशा और दिशा तय करेगा। पिछले विधानसभा चुनावों और पिछले लोकसभा चुनावों में बीजेपी के शानदार प्रदर्शन ने सपा और बसपा दोनो को मायूस किया है।

6-बीजेपी के लिए गोरखपुर सीट इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गढ़ रहा है जो यहां से पांच बार लोकसभा के लिए चुने गए हैं। आदित्यनाथ से पहले उनके गुरू योगी अवैधनाथ को गोरखपुर ने तीन बार संसद भेजा था।


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