April 26, 2024

देहरादून:जंगलों में लगी आग ने लिया विकराल रूप,आग आबादी क्षेत्र के पास तक पहुंची

देहरादून जिले के चकराता वन प्रभाग की रिवर रेंज और भूमि संरक्षण वन प्रभाग की कालसी रेंज के अंतर्गत कालसी जोहड़ी के जंगलों में लगी आग ने विकराल रूप ले लिया है।

आग आबादी क्षेत्र के पास तक आ पहुंची है। रविवार को खादर गांव में एक गोशाला जलकर राख हो गई। सूचना पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने जैसे-तैसे आग पर काबू पाया। जंगल में जहां आग लगी है, उससे महज 500 मीटर की दूरी पर घनी आबादी क्षेत्र होने के साथ ही इंडेन गैस एजेंसी का गोदाम और पेट्रोल पंप भी है। जल्द आग पर काबू नहीं पाया गया तो स्थिति गंभीर हो सकती है। वहीं, आग बुझाने पहुंची एसडीआरएफ की टीम संसाधनों के अभाव में लाचार नजर आ रही है।

रविवार सुबह सात बजे से लगी आग से रिवर रेंज और जोहड़ी के जंगल धू-धूकर जल रहे हैं। अब तक करीब 15 हेक्टेयर में खड़ी लाखों की वन संपदा के जलकर नष्ट होने का अनुमान है। दूर से ही आग की लपटें नजर आ रही है। आसमान धुएं के गुबार से काला हो गया है। सड़क से गुजरने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शाम होते-होते क्षेत्र में चली हवाओं ने आग को और भड़का दिया है। जंगल में लैंटाना और रुहेला की झाड़ियां होने के कारण आग तेजी से फैलती जा रही है।

आग ने खादर गांव के समीप साल के जंगल को भी अपनी चपेट में ले लिया है। आग पर काबू पाने के लिए एसडीआरएफ की टीम को बुलाया गया है, लेकिन टीम के पास संसाधनों का अभाव है। आग बुझाने के लिए पारंपरिक तरीके (झाड़ियों) का सहारा लिया जा रहा है। जंगल में उतरने का रास्ता नहीं होने से फायर ब्रिगेड के वाहन महज सड़क किनारे लगी आग को ही बुझा रहे हैं। आग की विकरालता को देखे हुए नायब तहसीलदार मुन्ना सिंह चौहान और कालसी थाना पुलिस के जवान भी मौके पर डटे हुए हैं।

कालसी और जोहड़ी में जिस जगह पर आग लगी है, वहां से चकराता-कालसी मोटर मार्ग भी गुजरता है। ऐसे में आग की तपिश से पहाड़ के पत्थर और मिट्टी चटकने लगी है, जो सीधे मार्ग पर आकर गिर रही है। इससे राहगीरों को परेशानी हो रही है। रविवार को इन पत्थरों की चपेट में आने से ब्लॉक प्रमुख अर्जुन सिंह और दिल्ली से चकराता घूमने जा रहे पर्यटकों के वाहन बाल-बाल बच गए।

यहां भी भड़की आग   
रिवर रेंज अंतर्गत कोथी-भोंदी गांव में भी दोपहर करीब तीन बजे आग लग गई। यहां भी आग का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। विभाग को आग पर काबू पाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। वहीं, देवघार रेंज के चांदनी बीट अंतर्गत चीड़ के जंगल में भी आग लगने से बड़े क्षेत्रफल में खड़ी वन संपदा जलकर नष्ट हो गई है। यहां रेंजाधिकारी सोनिया, वन दारोगा बलदेव सजवाण, वन बीट अधिकारी रमेश सिंह और वन बीट सहायक राजमल के नेतृत्व में आग पर काबू पाने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं, त्यूनी क्षेत्र से सटे टोंस वन प्रभाग के जंगल में भी आग लगने से पूरा जंगल धुएं के गुबार से काला हो गया है।

दिन भर दौड़ती रही फायर ब्रिगेड की गाड़ी
तापमान बढ़ने के साथ ही क्षेत्र में आग की घटनाएं बढ़ने लगी हैं। रविवार को फायर ब्रिगेड की गाड़ी दिनभर इधर-उधर भागती रही। भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण अनुसंधान केंद्र के सेलाकुई स्थित अमरूद के बाग में आग लग गई और पूरा बागान धू-धूकर जलने लगा। बाग के समीप ही घना जंगल भी है। ऐसे में केंद्र के कर्मचारियों में अफरा-तफरी मच गई। सूचना पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने तीन घंटे की मशक्कत के बाद आग बुझाई। वहीं, कश्यप बस्ती स्थित नाले और कैंची वाला स्थित टिहरी बस्ती के पास भी झाड़ियों में आग लग गई। सूचना पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने आग पर काबू पाया। फायर स्टेशन इंचार्ज पवन शर्मा ने बताया कि कर्मियों को मुस्तैद रहने के निर्देश दिए गए हैं। सभी जगह आग पर काबू पा लिया गया है। टीम में हवलदार हरनाम सिंह, जगबीर सिंह, अमित कुमार, अनिल कुमार आदि शामिल थे।

आग के विकराल रूप को देखते हुए दोनों जगहों पर एहतियात के तौर पर फायर ब्रिगेड के वाहनों को तैनात कर दिया गया है। आग पर काबू पाने के लिए चकराता वन प्रभाग और भूमि संरक्षण वन प्रभाग के डीएफओ को मौके पर जाने के निर्देश दिए गए हैं। मैं खुद पूरी स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। आग बुझाने के प्रयास जारी हैं, उम्मीद है कि आग पर जल्द काबू पा लिया जाएगा।
– वीबी गुप्ता, मुख्य वन संरक्षक एवं नोडल अधिकारी, वनाग्नि  


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