उत्तराखंड: पीजी डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन की रोक हटी
सरकार ने सरकारी डॉक्टरों की एक प्रमुख मांग को मानते हुए रजिस्ट्रेशन में आ रही दिक्कत को दूर कर दिया है। सचिव स्वास्थ्य नितेश झा की ओर से इसके आदेश किए गए। यूपी के अमान्य सीट वाले कॉलेजों से पीजी करने वाले राज्य के डॉक्टरों को उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल पंजीकृत नहीं कर रही थी। जबकि पहले से पंजीकृत डॉक्टरों की मान्यता खत्म की जा रही थी। डॉक्टर सरकार से पंजीकरण को सही ठहराने की मांग कर रहे थे। अपनी कई मांगों के साथ ही इस मांग को लेकर भी डॉक्टर आंदोलन कर रहे हैं। इसके बाद अब सरकार ने फिलहाल डॉक्टरों को प्रोविजनल रजिस्ट्रेशन की छूट दे दी है। इसके बाद डॉक्टरों के पंजीकरण भी शुरू हो गए हैं। सरकार द्वारा एक प्रमुख मांग को माने जाने के बाद डॉक्टरों ने खुशी जताई है। पीएमएचएस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. डीपी जोशी ने कहा कि डॉक्टर अपनी जायज मांगों के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं और सरकार द्वारा उठाए गए कदम की हम सराहना करते हैं। इधर, सचिव स्वास्थ्य नितेश झा ने कहा कि डॉक्टरों की यह जायज मांग थी और इसीलिए इसका समाधान किया गया है। जल्द ऐक्ट में संशोधन कर स्थाई समाधान भी निकाला जाएगा। उन्होंने कहा कि अन्य जायज मांगों पर भी जल्द कार्रवाई की जाएगी।
डॉक्टरों ने काली फीती बांधकर किया काम
प्रदेश महासचिव के तबादले को निरस्त करने के साथ ही अपनी कई अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे राज्य के सरकारी डॉक्टरों ने मंगलवार को भी काली फीती बांधकर कार्य किया। पीएमएचएस के डॉक्टरों ने कहा कि जब तक उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं की गई तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। पीएमएचएस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ डीपी जोशी ने बताया कि डॉक्टरों ने पूरे राज्य में काली फीती बांधकर कार्य किया और आगे भी आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह बाद भी यदि सभी मांगों पर कार्रवाई नहीं की गई तो डॉक्टर आंदोलन के लिए विवश होंगे। हालांकि उन्होंने कहा कि मरीजों को भी परेशानी नहीं होने दी जाएगी।