कर्नाटक: कांग्रेस के आरोप पर राजनाथ का जवाब, आपके इस्तीफों से मेरा लेना-देना नहीं
कर्नाटक में कई विधायकों के इस्तीफे के कारण कांग्रेस-जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) सरकार पर संक्ट के बादल छा गए हैं। सरकार खुद को बचाने के लिए तमाम तरह की कोशिश कर रही है। इतना ही नहीं बागी विधायकों को मनाने के लिए दोनों पार्टी के मंत्रियों ने अपने-अपने इस्तीफे सौंप दिए हैं। हालांकि इसका कोई खास असर होता हुआ नहीं दिख रहा है। इसी बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने सोमवार को आरोप लगाया कि भाजपा ‘शिकारी पार्टी’ है। भाजपा ने सरकार गिराने की बात को नकारा है।
लोकसभा में पार्टी के नेता चौधरी ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘हम संसद में कर्नाटक का मुद्दा उठाएंगे। यह स्पष्ट है कि भाजपा एक शिकारी पार्टी है।’ कांग्रेस के आरोप पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कर्नाटक में जो कुछ हो रहा है उसका हमारी पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है। हमारी पार्टी कभी भी खरीद-फरोख्द में शामिल नहीं रही।
कर्नाटक विधानसभा के 13 विधायकों ने पिछले कुछ दिनों में इस्तीफा दिया है। जिसमें से 10 विधायक कांग्रेस के हैं, जबकि तीन विधायक जेडीएस के हैं। बीते शनिवार को इस्तीफा देने वाले 11 विधायकों में से कई विधायक मुंबई के एक होटल में ठहरे हुए हैं। राज्य की 224 सदस्यीय विधानसभा में सत्ताधारी गठबंधन का संख्या बल विधानसभा अध्यक्ष के अलावा 118 (कांग्रेस-78, जेडीएस-37, बसपा-1 और निर्दलीय-2) है। इसमें वे विधायक भी शामिल हैं, जिन्होंने इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष ने अभी तक स्वीकार नहीं किए हैं।
एक और विधायक ने दी इस्तीफे की धमकी
कांग्रेस के एक और विधायक ने सोमवार को इस्तीफा देने की धमकी दी है। कर्नाटक के मंत्री एवं बीदर उत्तर के विधायक रहीम महमूद खान ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को अपनी समस्याओं के बारे में सूचित कर दिया है और उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर के निवास पर बैठक के बाद फैसले लेने की बात कही।
खेल एवं युवा सशक्तिकरण मंत्री खान ने कहा, ‘मेरे विभाग को इस साल केवल 15 करोड़ रुपये का बजट मिला और यह भी बस अभी जारी किया गया है। इस राशि में से 13 करोड़ रुपये पुराने बिलों को चुकाने में लग जाएंगे। मैं शेष दो करोड़ रुपये के साथ कर्नाटक भर में विभिन्न परियोजनाओं को कैसे पूरा करुंगा?’
खान ने कहा कि वह बागी समूह के साथ नहीं जाना चाहते लेकिन स्थिति ने उन्हें फैसला लेने पर मजबूर किया है। मंत्री ने कहा, ‘मैं आज बैठक (परमेश्वर के आवास पर) में शामिल होने जा रहा हूं। अगर मेरी समस्याएं नहीं सुनी गईं तो मुझे मजबूरन फैसला लेना होगा।’ सदन में भाजपा के 105 विधायक हैं।