कैसी बदलेगी देश की तस्वीर, आर्थिक सर्वे में मोदी सरकार ने दिखाई झलक
मोदी सरकार 2.0 का पहला बजट शुक्रवार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी. इससे पहले गुरुवार को सरकार ने संसद में आर्थिक सर्वे पेश किया. सर्वे के अनुसार, 2019-20 में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 7 फीसदी तक रह सकती है. इससे आगामी वित्त वर्ष के लिए नीतिगत फैसलों के संकेत भी मिले हैं.
आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2018-19 में वित्तीय घाटे में कमी आई है और यह जीडीपी के सिर्फ 5.8 फीसदी रहा, जबकि इसके पिछले साल यह 6.4 फीसदी था. आर्थिक सर्वे के अनुसार अगर भारत को 2025 तक 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाना है तो लगातार जीडीपी में 8 फीसदी की ग्रोथ रफ्तार हासिल करनी होगी. ग्राफिक्स के जरिये जानिए किस क्षेत्र पर आने वाले दिनों में सरकार का खास फोकस रहेगा.
आर्थिक सर्वे में भारतीय अर्थव्यवस्था पर एक नजर डालते हैं, इसके जरिये देश की आर्थिक तस्वीर का अनुमान लगाया जा सकता है.
#EconomicSurvey2019 में 2018-19 के लिए मुद्रास्फीति के परिदृश्य पर ग्राफिक्स के जरिये समझने की कोशिश करते हैं. थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति की दर साल 2018-19 में 4.3 फीसदी बताई गई है. जबकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति की दर घटकर 3.4 होने का अनुमान लगाया गया है.
EcoSurvey2019 में कृषि, वानिकी और मात्स्यिकी क्षेत्र के लिए विकास दर 2.9 प्रतिशत अनुमान लगाया गया है.
आर्थिक सर्वे के मुताबिक स्वच्छ भारत मिशन शुरू होने के बाद से देश भर में 9.5 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण हुआ है. 5.5 लाख से ज्यादा गांव खुले में शौच से मुक्त घोषित किए गए.
बजट से पहले आर्थिक सर्वे में वित्त वर्ष 2018-19 के लिए विदेशी मुद्रा भंडार 412.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर बताया गया है.
EcoSurvey2019 में 2018-19 के लिए खाद्यान उत्पादन का तीसरा अग्रिम अनुमान 283.4 मिलियन टन लगाया गया है.
आर्थिक सर्वे (Economic Survey 2019) में सकल घरेलू उत्पाद 2019-20 में 7 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान लगाया गया है.
आर्थिक सर्वेक्षण में 2018-19 के लिए राजकोषीय घाटा (जीडीपी का प्रतिशत) 3.4 फीसदी बताया गया है.