सपनों का उत्तराखण्ड बनाने के लिए बहुत कुछ किया जाना बाकी – त्रिवेंद्र सिंह रावत
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पिछले 17 साल में हमने बहुत कुछ हासिल किया लेकिन अभी भी सपनों का उत्तराखण्ड बनाने के लिए बहुत कुछ किया जाना बाकी है। तमाम भौगोलिक विषमताओं, चुनौतियों और प्रकृति द्वारा कठिन परीक्षाओं के बाद भी हमारा राज्य अवसरों से भरा राज्य है। यहां मौजूद पर्यटन का अकूत खजाना, वन व जल संपदा का भंडार हमारे लिए वरदान है। इसलिए हमने नया उत्तराखण्ड बनाने का संकल्प लिया है।
उत्तराखण्ड में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। आज देश में महत्वपूर्ण पदों पर उत्तराखण्ड के लोग विराजमान हैं। उन सभी महानुभावों का नये उत्तराखंड के निर्माण में क्या योगदान हो सकता है, इस पर हमने मंथन किया है। 05 नवंबर को उत्तराखंड की इन तमाम विभूतियों को एक मंच पर लाकर हमने ‘रैबार’ कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें हमें कई महत्वपूर्ण सुझाव मिले। मगर आपकी सहभागिता और सुझावों के बिना यह मंथन अधूरा है।
इसलिए ‘रैबार’ कार्यक्रम में मिले तमाम विशिष्ट जनों के सुझावों को मैं आपसे विषयवार साझा कर रहा हूं। इन सुझावों पर हम गंभीरता से विचार कर रहे हैं और अधिकतर सुझावों पर हमने काम शुरू भी कर दिया है। और मैं आशा करता हूं कि नया उत्तराखंड बनाने के लिए आपके अमूल्य विचार और सुझावों को भी एक जगह समाहित कर हम सब मिलकर प्रदेश के विकास में मनसा वाचा कर्मणा से जुटेंगे।
कौशल विकास, एजुकेशन
- राज्य के तीव्र विकास के लिए कौशल विकास पर विशेष बल देना होगा।
- क्षेत्रीय आवश्यकताओं की जिला स्तर पर मैपिंग कर उसके अनुरूप योजना बनानी होगी।
- राज्य में हॉस्पिटैलिटी सेवाओं का विकास हो।
- सस्टेनेबल टूरिज्म, बैलेंस टूरिज्म पर ध्यान देना होगा।
- उत्तराखंड को एजुकेशन हब के तौर पर विकसित किया जाए।
- पहाड़ों में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए, कॉलेज खोले जाए।
पर्यटन
- उत्तराखण्ड के विकास के लिए पर्यटन को बढ़ावा देना होगा। हिल स्टेशनों को मास्टरप्लान के हिसाब से डेवलेप करना होगा वहां कनेक्टिविटी बढ़ानी होगी।
- होम स्टे योजना को बढ़ावा मिले, लेकिन संस्कृति और संस्कारों को साथ जोड़कर टूरिज्म का बैलेंस बनाए रखें।
- सस्टेनेबल टूरिज्म, बैलेंस टूरिज्म पर ध्यान देना होगा।
- एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ाने के लिए माउटेंन बाइकिंग को प्रमोट किया जाए।
स्वच्छता
- राजधानी की सूरत संवारी जाए
- बैनर पोस्टरों की सफाई की जाए
- राजधानी को वल्र्ड क्लास बनाया जाए
पलायन
- पर्वतीय क्षेत्रों में रोजगार हो, मानव संसाधनों एवं मूलभूत आवश्यकताओं का विकास हो।
- पलायन के मुख्य कारण शिक्षा और स्वास्थ्य पर प्रमुखता से विचार हो।
- पलायन रोकने के लिए पर्यावरण संरक्षण के साथ साथ सस्टेनेबल डेवलेपमेंट अपनाना चाहिए।
- सीमान्त गांवों के विकास व वहां पर जनसंख्या बनाये रखने पर विशेष ध्यान देना होगा।
किसान
- किसानों की उत्पादन की लागत कम हो
- बीज, बिजली, पानी, खाद सस्ती दरों पर उपलब्ध हो
- जैविक उत्पादों को बढ़ावा दिया जाए
- किसानों के उत्पादों की ब्रांडिंग पर ध्यान देना होगा
कला संस्कृति
- फिल्म शूटिंग को प्रमोट करने की नीति बने।
- कला के क्षेत्र में टैलेंट निखारने के लिए FTII की तर्ज पर संस्थान बने।
- हर वर्ष प्रवासी दिवस आयोजित किया जाना चाहिए।
इंफ्रास्ट्रक्चर
- सड़कों, हैलीपैडों व हवाई सेवाओं में भी सुधार किया जाना चाहिए।
- रोड, रेल, एयर कनेक्टिविटी पर ध्यान दिया जाए।
- ताइवान, सिंगापुर और दुबई के विकास मॉडल पर उत्तराखंड का अपना विकास मॉडल हो।
- 3 E, 1 आई यानी (इलेक्ट्रिसिटी, एजुकेशन, एंप्लॉयमेंट और इंटरनेट) के आधार पर राज्य का विकास हो।
महिला, युवा
- राज्य के विकास में महिलाओं की समग्र भागीदारी हो।
- सेल्फ हेल्प ग्रुप्स के जरिए महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा मिले।
- राज्य के समग्र विकास के लिए युवा शक्ति का बेहतर इस्तेमाल हो।
साइबर सिक्योरिटी
- साइबर सिक्योरिटी के लिए 5 लाख लोगों की देश को जरूरत है
- राज्य के युवाओं को इस क्षेत्र में मौका मिले इसके लिए अगले 3 महीनों में NTRO, देहरादून में उत्तराखंड के युवाओं को ट्रेनिंग देगा।
- देहरादून में ही ड्रोन्स की एप्लिकेशन का सेंटर खोला जाएगा, जिससे राज्य के युवाओं को फायदा मिल सकेगा।