नीति आयोग की स्वास्थ्य रैंकिंग: 12 राज्यों में घटी बेटियों की आबादी, जानिए अपने प्रदेश का हाल
नीति आयोग की जारी हेल्थ रैंकिंग में सामने आए आंकड़ो के अनुसार देश के 21 बड़े राज्यों में से 12 में लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या कम हुई है। हालांकि कई राज्यों में लड़कियों के अनुपात में सुधार भी देखा जा रहा है। गुजरात, हिमाचल, राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्यों में लड़कियों की संख्या लड़कों की तुलना में कम हुई है वहीं हरियाणा, पंजाब और मध्यप्रदेश में इनकी संख्या में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। इसमें साल 2013-15 को आधार मानकर 2014-16 से तुलना की गई है।
झारखंड में 2014-16 में लड़कियों की संख्या प्रति एक हजार लड़कों पर 902 थी जो इस बार 16 बढ़कर 918 हो गई है। वहीं मध्यप्रदेश में यह आंकड़ा प्रति एक हजार लड़कों पर 919 से बढ़कर 922 हो गया है।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने मंगलवार को ‘हेल्दी स्टेट प्रोग्रेसिव इंडिया’ नामक रिपोर्ट जारी की। यह दूसरा मौका है जब आयोग ने स्वास्थ्य सूचकांक के आधार पर राज्यों की रैंकिंग जारी की है। रिपोर्ट को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, विश्व बैंक और नीति आयोग ने मिलकर तैयार किया है। रिपोर्ट में राज्यों को तीन हिस्सों में बांटा गया है, बड़े राज्य, छोटे राज्य और केंद्र शासित प्रदेश। स्वास्थ्य क्षेत्र में हुए काम के आधार पर राज्यों को स्कोर दिया गया है।
इन राज्यों में घटी बेटियों की संख्या
राज्य | 2014-16 | बदलाव |
तेलंगाना | 918 | -17 |
पश्चिम बंगाल | 951 | -14 |
बिहार | 916 | -8 |
केरल | 967 | -8 |
हिमाचल प्रदेश | 924 | -7 |
गुजरात | 854 | -6 |
आंध्र प्रदेश | 918 | -5 |
असम | 900 | -4 |
राजस्थान | 861 | -4 |
कर्नाटक | 939 | -4 |
महाराष्ट्र | 878 | -2 |
ओडिशा | 950 | -2 |
इन राज्यों में बढ़ी बेटियों की संख्या
राज्य | 2014-16 | बदलाव |
झारखंड | 902 | +16 |
जम्मू-कश्मीर | 899 | +7 |
उत्तराखंड | 844 | +6 |
पंजाब | 889 | +4 |
तमिलनाडु | 911 | +4 |
मध्यप्रदेश | 919 | +3 |
उत्तरप्रदेश | 879 | +3 |
छत्तीसगढ़ | 961 | +2 |
हरियाणा | 831 | +1 |
स्वास्थ्य सुविधा में 21 बड़े राज्यों में यूपी अंतिम पायदान पर
आबादी के लिहाज से देश का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य और चिकित्सीय सेवाएं उपलब्ध कराने में पहले से ज्यादा फिसड्डी साबित हुआ। नीति आयोग की हेल्थ रिपोर्ट में 21 बड़े राज्यों की सूची में यूपी को 21वां स्थान मिला है। पिछली बार भी यूपी सबसे अंतिम पायदान पर था।
राज्य की खराब स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक साल पहले यूपी का कंपोजिट इंडेक्स स्कोर 33.69 था, जो अब 5.28 अंक घटकर 28.61 रह गया है। कुछ ऐसा ही हाल पड़ोसी राज्य उत्तराखंड का है, जिसे पिछली बार 15वें स्थान के मुकाबले इस बार 17वां स्थान मिला है।
बड़े राज्यों में केरल, छोटे में मिजोरम आगे
बड़े राज्यों की सूची में केरल 74.01 अंक के साथ शीर्ष पर है। आंध्र प्रदेश को दूसरा और महाराष्ट्र को तीसरा स्थान मिला है। छोटे आठ राज्यों की सूची में 74.97 अंक के साथ मिजोरम पहले स्थान पर है। मणिपुर दूसरे और मेघालय तीसरे स्थान पर है। केंद्र शासित प्रदेशों में चंडीगढ़ पहले स्थान पर है, जबकि दिल्ली पांचवें नंबर पर है।
23 संकेतकों के आधार पर रैंकिंग
राज्यों को 23 संकेतकों के आधार पर रैंकिंग दी गई है। इन संकेतकों को नवजात स्वास्थ्य परिणाम (मृत्यु दर, प्रजनन दर, जन्म के समय लिंगानुपात आदि), संचालन व्यवस्था (अधिकारियों की नियुक्ति, अवधि आदि) और प्रमुख इनपुट (नर्सों और डॉक्टरों के खाली पड़े पद, जन्म पंजीकरण स्तर आदि) में बांटा गया है। यदि किसी राज्य में इन सब मानकों पर स्थिति खराब है तो उसका स्कोर कम होगा।
ओवरऑल रैंकिंग (2017-18)
शीर्ष पांच बड़े राज्य
रैंकिंग | राज्य | अंक |
1 | केरल | 74.01 |
2 | आंध्र प्रदेश | 65.13 |
3 | महाराष्ट्र | 63.99 |
4 | गुजरात | 63.52 |
5 | पंजाब | 63.01 |