September 22, 2024

बढ़ता जा रहा है चक्रवाती तूफान ‘वायु’ का खतरा, हटाए जा रहे हैं तीन लाख लोग

अरब सागर में हवा के कम दबाव की स्थिति गहराने के कारण उत्पन्न चक्रवाती तूफान ‘वायु’ के 13 जून को गुजरात पहुंचने की आशंका हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 24 घंटे में तूफान गंभीर रूप ले सकता है। अब इस तूफान का असर महाराष्ट्र में भी दिखना शुरू हो गया है। मुंबई में तेज हवाएं चल रही हैं। जिसके चलते कई पेड़ भी गिर गए हैं। साथ ही कुछ अन्य तटीय इलाकों में भी सुबह से तेज हवाएं चल रही हैं।राज्य सरकार ने तटीय और दक्षिण गुजरात में ‘हाई अलर्ट’ जारी किया है। तटीय इलाकों में एनडीआरएफ जवानों को तैनात किया है। सेना को भी तैयार रहने को कहा गया है। हालात से निपटने के लिए सेना भी तैयारियों में जुटी हैं। करीब 3 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी गुजरात के पार्टी कार्यकर्ताओं से मदद करने के लिए अपील की है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, “चक्रवात ‘वायु’ गुजरात तट के करीब पहुंचने वाला है। मैं गुजरात के सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील करता हूं कि वे इसके रास्ते में आने वाले सभी क्षेत्रों में मदद के लिए तैयार रहें। मै xचक्रवात से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों के सभी लोगों की सुरक्षा और कल्याण के लिए प्रार्थना करता हूं।”

तूफान सौराष्ट्र और कच्छ की ओर लगातार बढ़ रहा है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने स्थिति के गंभीर होने की बात कही है। आईएमडी ने बताया, “वायु चक्रवात बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान में तबदील हो गया है। इससे गुरुवार सुबह हवाएं 145 से 170 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी।”

चक्रवाती तूफान वायु

भारतीय वायु सेना अधिकारी ने बताया कि एनडीआरएफ की टीम वायु सेना की मदद से गुजरात पहुंच रही हैं। ताकि तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके। मुंबई के मौसम विभाग का कहना है कि बेहद खतरनाक वायु चक्रवात अब मुंबई के दक्षिण-दक्षिणपश्चिम में 280 किमी पर है। आज उत्तर महाराष्ट्र के तट पर तेज हवाएं चलेंगी।

मौसम विभाग के मुताबिक महाराष्ट्र से उत्तर की ओर बढ़ रहा ‘वायु’ गुरुवार सुबह तक पोरबंदर और कच्छ पहुंच सकता है। तूफान की गति 115 से 130 किमी प्रति घंटा तक हो सकती है। इसके मद्देनजर सौराष्ट्र और कच्छ के तटीय इलाकों में 13-14 जून को भारी बारिश हो सकती है।

भूस्खलन के खतरे के बाद वलसाड जिले के 20 गांवों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। तटों के पास स्थित गांवों के 39 स्कूल भी बंद रहेंगे। दमकल और बचाव दल को अलर्ट पर रखा गया है। कंडला बंदरगाह को भी अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। 

गृहमंत्री शाह ने ली बैठक

‘वायु’ के मद्देनजर गृहमंत्री अमित शाह ने तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को लोगों की सुरक्षा के लिए सभी संभावित कदम उठाने के निर्देश दिए। साथ ही स्वास्थ्य, पेयजल, बिजली और संचार जैसी जरूरी सेवाओं की मरम्मत और नुकसान की स्थिति में इनकी फौरन पुनर्बहाली सुनिश्चित करने को कहा। 

चक्रवाती तूफान वायु

10 जिलों में स्कूल-कॉलेज की छुट्टी 

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने ‘वायु’ चक्रवात से संभावित रूप से प्रभावित होने वाले 10 जिलों में 13 और 14 जून को स्कूल और कॉलेजों में 2 दिन की छुट्टी करने का आदेश दिया। 

सीएम ने पर्यटकों से की वापस जाने की अपील

वायु चक्रवाती तूफाने के खतरे को देखते हुए गुजरात के सीएम विजय रूपाणी ने गुजरात द्वारका, सोमनाथ, सासन, कच्छ आए हुए पर्यटकों को 12 जून की दोपहर के बाद सुरक्षित स्थानों पर लौटने की अपील की है। सीएम ने लोगों से कहा कि किसी तरह का नुकसान न हो इसलिए पर्यटक समय रहते वापस भी लौट सकते हैं  

राज्य सरकार के हाई अलर्ट के बाद NDRF तैनात 

मौसम विभाग ने इसके मद्देनजर सौराष्ट्र और कच्छ के तटीय इलाकों में 13 और 14 जून को भारी बारिश होने और 110 किमी प्रति घंटे की गति से तूफानी हवाएं चलने की चेतावनी जारी की है।

इसे देखते हुए गुजरात सरकार ने भी ‘हाई अलर्ट’ जारी करते हुए सौराष्ट्र और कच्छ इलाकों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के जवानों को तैनात किया है। एनडीआरएफ की एक टीम को भारतीय वायु सेना के C-17 विमान से जामनगर में उतारा गया है। यह टीम किसी भी खतरे की दशा में सहायता और आपदा राहत मिशन चलाएगी।

चक्रवाती तूफान वायु

मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह 

राज्य सरकार ने तटीय क्षेत्रों में मछुआरों को अगले कुछ दिनों तक समुद्र में न जाने की सलाह दी है। साथ ही बंदरगाहों को खतरे के संकेत और सूचना जारी करने को कहा है। 13 जून को 1 से 1.5 मीटर तक ज्वार उठने की संभावना है जिससे कच्छ, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जूनागढ़, दीव, गिर सोमनाथ, अमरेली और भावनगर के निचले जिलों में पानी भर सकता है। 

केरल में मूसलाधार बारिश

केरल में मानसून के दस्तक देने के बाद कई इलाकों में मूसलाधार बारिश हुई है। खासतौर पर तटीय इलाकों में मकानों और पेड़ों को भारी नुकसान पहुंचा है। पिछले साल अगस्त में हुई अत्यधिक मानसूनी बारिश के बाद राज्य को सदी की सबसे बड़ी बाढ़ का सामना करना पड़ा था, जिसमें करीब 400 लोगों की मौत हो गई थी। 

मौसम विभाग के मुताबिक मंगलवार को एर्नाकुलम के पिरावम में सर्वाधिक 14 सेमी. बारिश दर्ज की गई। विभाग ने कुछ इलाकों में अगले पांच दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। उत्तर मलप्पुरम और कोझिकोड में 12 जून को भारी वर्षा के आसार हैं। इस दौरान मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। 


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