अखिलेश ने बनवाई कृष्ण की मूर्ति, बोले- नो कॉपी राइट
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा के राम से मुकाबला करने के लिए सैफई के अपने स्कूल में भगवान श्रीकृष्ण की 51 फिट ऊंची और 60 टन वजनी मूर्ति बनवा रहे हैं। सैफई में तैयार हो रही 51 फीट ऊंची प्रतिमा को 2019 के लोकसभा चुनाव से जोड़कर राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। स्कूल में काम करने वाले इंजीनियर और सैफई के निवासियों का कहना है, यह तांबे की मूर्ति नोएडा में तैयार कराई गई थी। स्कूल बनकर तैयार हो जाने पर इसको खोला जाएगा। यह प्रतिमा अभी पूरी तरह ढकी हुई है। मूर्ति में भगवान कृष्ण को रथ का पहिया लिए खड़ा दर्शाया गया है। अखिलेश ने कहा की भगवान श्री कृष्ण के वंशज है। भगवान श्री राम भी हमारे हैं। सैफई महोत्सव का शुभारम्भ हनुमान जी की पूजा से होता है। भाजपाईयों को लगता है कि राम और कृष्ण के कॉपी राइट्स बस उन्हीं के पास हैं। तो जीनें दो ख्वाबों में उन्हें…वहीं डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने कमेंट करते हुए कहा कि- देर से ही सही, कम से कम उन्हें राम और कृष्ण याद आनें लगी हैं। अभी तक तुष्टीकरण की राजनीति करने वाले ये लोग चाहे जितने बदलाव कर लें, जनता इनको पहचानती है।
मौर्य पर पलटवार करने में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी पीछे नहीं रहे उन्होंने कहा, “हम तो मतदाताओं को समझाते ही रहे, लेकिन भाजपा ने बहकाकर वोट ले लिए। डिजीटल इंडिया की बात करने वाले गोबर की बात करने लगे है। जनता इनकी जाति-धर्म की राजनीति में बहक गई है।”
“इलाहाबाद में शानदार स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स बनवाया, मेट्रो बनवाई, एक्सप्रेस वे बनवाया, लेकिन भाजपा ने दोबारा उद्घाटन कर दिया। भाजपा ने कोई नया काम नहीं किया बल्कि सपा सरकार द्वारा कराए गए कामों को अपना नाम दे रहे हैं।” उन्होंने कहा, “कौन सा वर्ग है जो तय करता है कि कौन हिन्दू है, कौन नहीं। भाजपा भी तो बताएं कि वे हिन्दू है या नहीं। हिन्दू और भाषा तय करने वाले कौन है?”