आजम खां के डर से ADM छुट्टी पर गए, SDM ने भी लिखी चिट्ठी

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उत्तर प्रदेश के रामपुर के प्रशासनिक अफसरों पर गठबंधन के प्रत्याशी आजम खां का खौफ है। मंगलवार को आजम खां के समर्थकों से जान का खतरा बताने वाले एडीएम प्रशासन जगदंबा प्रसाद गुप्ता एसपी को चिट्ठी लिखने के बाद अचानक छुट्टी पर चले गए तो उन्ही के अंदाज में एसडीएम सदर प्रेम प्रकाश तिवारी ने भी एसपी को पत्र लिखकर अपनी जान को खतरा बताया है। डीएम ने एडीएम प्रशासन के निजी कारणों से अवकाश पर जाने की बात कही है। उधर, एसपी के आदेश पर एडीएम व सिटी मजिस्ट्रेट की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है।

चुनाव के पहले से आजम खां और जिला प्रशासन के बीच चली रही तनातनी मंगलवार को उस वक्त चरम पर पहुंच गई जब अपर जिलाधिकारी प्रशासन जगदंबा प्रसाद गुप्ता एवं सिटी मजिस्ट्रेट सर्वेश कुमार गुप्ता ने अप्रत्यक्ष रूप से आजम खां के समर्थकों से जान का खतरा बताते हुए एसपी को पत्र लिख दिया। दोनों का आरोप था कि उनके घर और दफ्तरों की रेकी हो रही है। उनके साथ कोई भी अनहोनी हो सकती है। इस पत्र को लिखने के बाद मंगलवार को ही एडीएम प्रशासन जगदंबा प्रसाद गुप्ता छुट्टी चले गए। अधिकारी इसे निजी कारणों से अवकाश बता रहे हैं लेकिन प्रशासनिक हल्के में इसे उनके पत्र से जोड़कर देखा जा रहा है।

इसी बीच बुधवार को एसडीएम सदर प्रेम प्रकाश तिवारी ने भी एसपी को पत्र लिखकर अपने घर व दफ्तर की रेकी होने का आरोप लगाया है। उन्होंने भी एसपी से सुरक्षा मांगी है। उधर,कल के पत्र के आधार पर एसपी ने एडीएम व सिटी मजिस्ट्रेट की सुरक्षा बढ़ा दी है।

डीएम आन्जनेय कुमार सिंह ने बताया कि एडीएम प्रशासन दो दिन का निजी अवकाश लेकर गए हैं। उन्होंने कहा कि एसडीएम सदर के पत्र के बारे में भी जांच कराई जा रही है। एसपी शिव हरि मीणा ने बताया कि एडीएम व सिटी मजिस्ट्रेट के आवास पर सुरक्षा उपलब्ध करा दी गई है। पिकेट लगाई गई है। एसडीएम का पत्र मिलने पर उन्हें भी सुरक्षा उपलब्ध कराई जाएगी।

क्या है विवाद
रामपुर में सपा बसपा गठबंधन प्रत्याशी आजम खां और प्रशासनिक अफसर पिछले काफी समय से आमने सामने हैं। चुनाव से पहले उर्दू गेट तोड़ने, जौहर विश्वविद्यालय कैंपस की दिवार तोड़कर बिजली घर कब्जा मुक्त कराने और मदरसे के कमरे खाली कराने से शुरू हुआ विवाद चुनाव के दौरान और तीखा हो गया। प्रशासन की सख्ती के बाद आजम के तेवर अफसरों के प्रति और उग्र हो गए। इस दौरान आजम के खिलाफ 16 मामले दर्ज किए गए। आजम खां अफसरों पर कई दफा पहले चुनाव को प्रभावित करने के आरोप लगा चुके हैं। चुनाव निपटने के बाद मतगणना में धांधली के आरोप के साथ ही हत्या की साजिश रचने तक का आरोप अफसरों पर लगा चुके हैं।

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