उत्तर भारत में अगले 10 दिन कड़ाके की सर्दी, श्रीनगर में जमा झरना तो मसूरी में माइनस में पहुंचा तापमान
उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड का मौजूदा दौर जनवरी के पहले सप्ताह तक जारी रह सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, पर्वतीय क्षेत्रों में जहां कई जगह तापमान शून्य से नीचे जा चुका है, वहीं मैदानी इलाकों में यह 03 डिग्री तक गिर चुका है। इस बार की कड़ाके की सर्दी में मैदानी क्षेत्रों में जो अहम बदलाव दिख रहा है, वह कोहरा का कम होना है। ज्यादातर इलाकों में दिन में धूप निकल रही है जिससे लोगों की दिन की गतिविधियां सामान्य चल रही हैं। वहीं, ठंड की वजह से श्रीनगर में बहते हुए झरने जम गए।
मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. के.जे. रमेश ने बताया कि सर्दी का यह दौर करीब-करीब चरम पर पहुंच चुका है। साल के आखिरी दिनों और जनवरी के शुरुआती दो-तीन दिनों में इसमें थोड़ी और बढ़ोतरी हो सकती है। जनवरी का पहला सप्ताह सर्वाधिक सर्द रहेगा। उन्होंने कहा कि मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान 08 डिग्री से नीचे चल रहा है जो कई स्थानों पर न्यूनतम 03 डिग्री तक दर्ज किया गया है। जबकि श्रीनगर समेत कई पहाड़ी इलाकों में यह शून्य से नीचे गया है।
मसूरी, नई टिहरी, चकराता का तापमान माइनस में
उत्तराखंड में 2000 मीटर से ऊंचाई वाले इलाकों का न्यूनतम तापमान शून्य या उससे भी कम चला गया है। मसूरी, नई टिहरी, गढ़ मुक्तेश्वर, चकराता में तापमान जहां माइनस में है। वहीं चंपावत और बागेश्वर में तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। मौसम विज्ञान केंद्र ने अगले 24 घंटे राज्य में भारी पाला पड़ने की चेतावनी भी जारी की है। मैदानी इलाकों में शीतलहर चलने को लेकर अलर्ट जारी किया है। देहरादून में रिकॉर्ड टूटने के कगार पर पहुंचने वाला है। गुरुवार को न्यूनतम तापामन 3.4 डिग्री सेल्सियस रहा। इतना ही तापमान 2015 में दिसंबर में भी रिकॉर्ड किया गया था। अगर तापमान एक डिग्री भी नीचे गिरता है तो 2011 का रिकॉर्ड टूटेगा, जो न्यूनतम 2.6 डिग्री सेल्सियस था।
बारिश के आसार नहीं
रमेश के अनुसार, आमतौर पर इन दिनों मैदानी इलाकों में घना कोहरा छा जाता है। लेकिन इस बार कोहरा कम है जो सुबह धूप आने तक छंट जाता है। उन्होंने कहा कि सर्दियों में पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश होती है लेकिन इस बार जितने भी विक्षोभ आए हैं वे कश्मीर, हिमाचल के ऊपर से ही गुजर गए। उनका असर मैदानी क्षेत्रों पर नहीं हुआ। इसलिए मैदानी इलाकों में बारिश नहीं हुई। इनके चलते पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी अच्छी हो रही है। एक और पश्चिमी विक्षोभ आ रहा है लेकिन यह भी कमजोर।
बर्फीली हवा से बिहार में बढ़ी कनकनी
पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी की वजह से गुरुवार को बिहार के विभिन्न जिलों में कनकनी बढ़ गई। पटना, गया, औरंगाबाद, जहानाबाद, रोहतास और भभुआ सहित कई जिलों में न्यूनतम पारा सामान्य से नीचे रहा। वहीं, गया समेत राज्य के कई जिलों में कोल्ड वेब से निजात मिलने से लोगों ने राहत महसूस की। आसमान में आंशिक बादल भी छाये रहे। यहां न्यूनतम पारे में 03 डिग्री की बढ़ोतरी देखी गई। पटना में सुबह 11 बजे के बाद से 12 से 14 किलोमीटर की रफ्तार से उत्तर पछुआ हवा चली, जिससे जनजीवन पर असर पड़ा।
झारखंड में सर्द हवा बरपा सकती है कहर
झारखंड की राजधानी रांची और आसपास के क्षेत्रों में सर्द हवा कहर बरपा सकती है। पलामू और प्रदेश के उत्तरी सीमावर्ती इलाकों में कुहासा और ठंड बढ़ेगी। सर्द हवा और कनकनी से पूरा प्रदेश पहले ही सिहर रहा है। अब उत्तर से आनेवाली ठंडी हवा की रफ्तार से न्यूनतम तापमान 05 डिग्री से नीचे आ सकता है। इससे रांची और आसपास के क्षेत्रों में जनजीवन ठंड के असर से प्रभावित हो सकती है।
पंजाब-हरियाणा में धुंध से जनजीवन प्रभावित
पंजाब एवं हरियाणा भयंकर सर्दी की चपेट हैं और राजधानी चंडीगढ़ में बुधवार का तापमान 3.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से दो डिग्री नीचे है और यह मौसम की सबसे सर्द रात थी। मौसम विभाग ने बताया कि दोनों राज्यों में पंजाब के जालंधर जिले का आदमपुर सबसे सर्द रहा और यहां का तापमान 0.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया । इसके बाद अमृतसर रहा जहां तापमान एक डिग्री दर्ज किया गया । हरियाणा में हिसार सबसे अधिक सर्द रहा और यहां का न्यूनतम तापमान 2.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से चार डिग्री सेल्सियस नीचे है। अम्बाला और करनाल में तापमान क्रमश: 4.2 एवं 3.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।