एनआईए की कार्रवाई को आईटी एक्ट के बदलावों से जोड़कर जेटली ने कांग्रेस को घेरा
बुधवार को दिल्ली और यूपी के 17 ठिकानों पर एनआईए ने ताबड़तोड़ छापेमारी करके आतंकी संगठन आईएस के नए माड्यूल हरकत उल हर्ब इस्लाम का पर्दाफाश किया था। आज इसी मुद्दे को निजता और इंटर्सेप्शन के मुद्दे से जोड़ते हुए केंद्रीय वित्त जेटली ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया।
वित्तमंत्री ने ट्विटर पर पहले तो एनआईए की तारीफ की और फिर सिसिलेवार ट्वीट करके कांग्रेस पर हमला बोला। क्या इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन के इंटरसेप्शन के बिना इस टेररिस्ट मॉड्यूल के खिलाफ एनआईए की कार्रवाई संभव थी?
वित्त मंत्री ने आईटी एक्ट में हुए बदलाव का सहारा लेते हुए कांग्रेस पर तंज कसा। बता दें कि राष्टीय सुरक्षा को ध्यान में रखकर नए आईटी एक्ट में केंद्र ने एनआईए सहित कुछ एजेंसियों को यह अधिकार दिया है कि वे इंटरसेप्शन, मॉनिटरिंग और डिक्रिप्शन के मकसद से किसी भी कंप्यूटर डेटा को खंगाल सकती हैं।
कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष ने इसे निजता का हनन मानते हुए फैसले की कड़ी आलोचना की थी।
कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार पर करते हुए जेटली ने लिखा कि सबसे ज्यादा इंटर्सेप्शन पिछली सरकार में किया गया था। बता दें कि हाल ही में एक आरटीआई से यह खुलासा यूपीए सरकार के दौरान हर महीने औसतन 9000 टेलिफोन कॉल्स और 500 ईमेलों की निगरानी हुई थी।
अपने आखिरी ट्वीट में जेटली ने लिखा कि राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता सर्वोपरि है। जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता केवल मजबूत लोकतांत्रिक देश में सुरक्षित रहेगी, आतंकी प्रभुत्व वाले देश में नहीं।’
जेटली ने एनआईए की इस कार्रवाई को आईटी एक्ट के बदलावों से जोड़कर विपक्ष को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की है।