September 22, 2024

एस. जयशंकर से पहली बार चीन में मिले थे मोदी, अब बनाया कैबिनेट मंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 57 मंत्रियों के साथ गुरुवार को शपथ ली. मंत्रिमंडल में हर वर्ग की हिस्सेदारी हो इसका पूरा ध्यान रखा है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक ऐसी छवि बन गई है कि वो ऐन मौके पर चौंका देते हैं. शपथ ग्रहण भी इससे अछूता नहीं रहा.एस जयशंकर ने सीधे कैबिनेट मंत्री की शपथ ली. इसके पीछे एक कहानी है लेकिन उस कहानी से पहले ये जानना जरूरी है कि डोकलाम विवाद से लेकर संयुक्त राष्ट्र में भारत की पैरवी तक एस. जयशंकर की जबरदस्त भूमिका रही है. एस. जयशंकर और नरेंद्र मोदी की जान-पहचान उनके पीएम बनने से पहले की है. 2012 में जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में चीन के दौरे पर थे, उसी दौरान जयशंकर उनसे मिले थे. दोनों के बीच कुछ ऐसी बातें हुईं कि जयशंकर मोदी के विश्वसनीय हो गए.

जनवरी 2015 से लेकर जनवरी 2018 तक विदेश सचिव रहते हुए उन्होंने मोदी के पहले कार्यकाल के दौरान उनकी विदेश नीति को आकार प्रदान करने में अहम भूमिका निभाई, जिसके चलते खासतौर से अमेरिका और अरब देशों समेत प्रमुख देशों के साथ भारत के संबंध को महत्वपूर्ण विकास व विस्तार मिला. विदेश सचिव बनने से पहले वह 2013 से अमेरिका में भारत के राजदूत रहे. इस दौरान उन्होंने अमेरिकी प्रशासन और मोदी सरकार को करीब लाने में बड़ी भूमिका निभाई.

जयशंकर ने सितंबर 2014 में प्रधानमंत्री के रूप में मोदी की पहली अमेरिका यात्रा की योजना तैयार की और इसे सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई. मोदी ने अमेरिका के मेडिसन स्क्वायर पर प्रवासी भारतीय सम्मेलन को संबोधित किया. जयशंकर को जनवरी में देश का चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्मश्री से नवाजा गया. उन्होंने भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग में सुधार लाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

2015 की जनवरी में विदेश सचिव की कुर्सी से सुजाता सिंह की विदाई हुई. इसके तुरंत बाद पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की एक बैठक में एस. जयशंकर को विदेश सचिव बनाने का फैसला लिया गया था. एस. जयशंकर उन राजनयिकों में से हैं, जिन्हें चीन, अमेरिका और रूस तीनों ही मुल्कों में काम करने का अनुभव है लेकिन जयशंकर अकेले राजनयिक नहीं हैं. हरदीप पुरी अमृतसर से चुनाव हार जाने के बावजूद दोबारा मंत्री बनाए गए हैं. हरदीप पुरी उन लोगों में हैं जिनपर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जबरदस्त भरोसा करते हैं. कहां – कहां कैसे योजना बनाई जानी है, उन्हें कैसे जमीन पर उतारना है और कैसे जनता तक उसका लाभ पहुंचाना है, ये हरदीप पुरी बहुत अच्छी तरह समझते हैं.


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