कैबिनेट का फैसला: राज्य में शिकायतों के लिए बनेगा कॉमन कॉल सेंटर
राज्य में लोगों को अब समस्याएं और शिकायतें दर्ज कराने के लिए अलग अलग महकमों के चक्कर नहीं काटने होंगे। सरकार ने इसके लिए कॉमन कॉल सेंटर बनाने का निर्णय लिया है। यही नहीं, शिकायतें दूर हुई या नहीं, इसके लिए भी अफसरों की जवाबदेही तय की जाएगी।
शनिवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में शिकायतों के समयबद्ध निराकरण के लिए लोकसेवा अभिकरण के गठन को मंजूरी दे दी गई है। सरकार जल्द अभिकरण की नियमावली तय करेगी। मध्यप्रदेश की तर्ज पर बनने वाले इस अभिकरण में अफसरों को तय सीमा में शिकायतों का समाधान करना होगा।
उपनल विदेश में भी देगा आउटसोर्स सेवाएं
इसके साथ ही उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम(उपनल) को विदेशों में भी आउटसोर्स सेवाएं देने के लिए ओवरसीज मैनपावर आउटसोर्स एजेंसी बनाने पर मुहर लगा दी गई है।
कैबिनेट के अहम फैसले
1. तीन लाख आय वालों को भी निशुल्क कानूनू सहायता
राज्य में अब एक लाख रुपये सालाना के बजाए तीन लाख रुपये सालाना आमदनी वाले भी प्राधिकरण से निशुल्क कानूनी सहायता प्राप्त कर सकेंगे।
2. एक करोड़ की आय वाली कृषि मंडियों को अंशदान में छूट
मंडी समितियों द्वारा अपनी आय से कृषि उत्पादन एवं विपणन बोर्ड को अंशदान देने की व्यवस्था को भी संशोधित किया गया है। इसके तहत एक करोड़ रुपये तक आय वाली मंडियों को कोई अंशदान नहीं देना होगा। इसके बाद 1.5 करोड़ से पांच करोड़ रुपये और अधिक सीमा वाली मंडियों को ही नए स्लैब के अनुसार अंशदान देना होगा। यह अंशदान 40 से 80 फीसदी तक रहेगा।
3. न्यायाधीशों को मेडिकल सुविधा में ज्यादा रियायत नहीं
हाईकोर्ट के न्यायाधीशों को राज्य सरकार के मंत्रियों के समान ही मेडिकल और प्रतिपूर्ति की सुविधा मिलती रहेगी। इसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार न्यायाधीशों को मंत्रियों से अधिक सुविधाएं देने के लिए कुछ संशोधन प्रस्तावित थे पर कैबिनेट ने इससे इनकार कर दिया। वर्तमान व्यवस्था में मंत्रियों को भी पहले जिला अस्पताल में भर्ती होना होता है उसके बाद ही वो रेफर हो सकते हैं। इसी प्रकार मेडिकल बिल की प्रतिपूर्ति के लिए इसी प्रकार नियम हैं।
4. अनुपूरक बजट पर मुहर
चार दिसंबर से शुरू होने जा रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सरकार 2175 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट लाएगी। कैबिनेट ने सत्र के आयोजन के प्रस्ताव को मंजूर करते हुए अनुपूरक बजट के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दे दी। वित्त विभाग को अनुपूरक बजट के अनुसार बाकी औपचारिकताएं पूरी करने के लिए कहा गया है।