क्या नोटबंदी और जीएसटी से बीजेपी घबरा गई है !
उत्तर प्रदेश में सरकार बनने के बाद पहले बड़े टेस्ट(निकाय चुनाव ) में अव्वल नंबरों से पास होने के लिए बीजेपी ने मजबूत घेराबंदी की है… इस बार पार्टी ने ना सिर्फ मुस्लिमों को बड़ी संख्या में टिकट दिया है बल्कि व्यापारी वर्ग पर भी भरोसा जताया है… मेयर पद के प्रत्याशी चुनने में संघ की भी काफी चली है…
हालांकि, जीएसटी को लेकर व्यापारियों की नाराजगी को टिकटों के ‘रिटर्न गिफ्ट’ से दूर करने की जुगत भी लगाई गई है… बीजेपी के मेयर पद के घोषित उम्मीदवारों को देखें तो अब तक करीब पचास फीसदी टिकट वैश्य वर्ग से जुड़े लोगों को दी गई हैं… बीजेपी के 14 मेयर प्रत्याशियों में 7 वैश्य, 3 ब्राह्मण, दो पंजाबी और दो दलित वर्ग से आते हैं… बीजेपी की लिस्ट में भले ही व्यापारी वर्ग का बोलबाला हो लेकिन उसका कहना है कि वो जातिवाद की रणनीति नहीं करती… पार्टी का कहना है कि केवल योग्य लोगों को ही टिकट दिया गया है…हालांकि विपक्ष बीजेपी पर जातिवाद की राजनीति करने का आरोप मढ़ रहा है… बीजेपी ने इस बार कई जगह मुस्लिम प्रत्याशियों पर भी दांव लगाया है… मुसलमानों की बढ़ती दावेदारी BJP के भीतर चौंकाने वाली है…
क्योंकि विधानसभा चुनाव में उसने जिताऊ उम्मीदनवार ना मिलने काहवाला देते हुए एक भी मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया था… वहीं बनियों को टिकट देकर बीजेपी ने जीएसटी को लेकर व्यापारियों में फैली नाराजगी को दूर करने की कोशिश की है…