जेट एयरवेज संकटः कर्मचारियों को मिला पत्र, जगी समाधान की आस
जेट एयरवेज की उड़ानें बंद होने से बेरोजगारी के संकट से जूझ रहे कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है. शनिवार के दिन कर्मचारियों को कॉरपोरेट इनसॉल्वेन्सी रिजॉल्यूशन प्रॉसेस (सीआईआरपी) लेटर मिला है. इनसॉल्वेन्सी ऐंड बैंकरप्टसी एक्ट के तहत रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (आरपी) आशीष छौछरिया ने कर्मचारियों को यह पत्र भेजा है, जो 20 जून 2019 से प्रभावी होगा.
कर्मचारियों को भेजे गए पत्र के अनुसार आईबीसी के सेक्शन 17 के तहत कंपनी मामलों के प्रबंधन का अधिकार आरपी के पास होगा. बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के अधिकार निलंबित रहेंगे और उनका उपयोग आरपी द्वारा ही किया जाएगा. कंपनी के अधिकारी और मैनेजर्स आरपी को रिपोर्ट करेंगे और जब भी जरूरत होगी, कंपनी के रिकॉर्ड्स एवं कागजात आरपी को उपलब्ध कराएंगे. वित्त विभाग आरपी के निर्देशानुसार कंपनी के खाते मेन्टेन करेंगे.
पत्र में यह बताते हुए कि सीआईआरपी वित्तीय संकट से निकलने और यह सुनिश्चित करने की प्रक्रिया है कि कंपनी सभी शेयर होल्डर्स और कर्मचारियों के सर्वश्रेष्ठ हित में कार्य करे, सहयोग की अपील की गई है.
गौरतलब है कि आशीष छौछरिया को जेट एयरवेज का अंतरिम आरपी नियुक्त किया गया है. आरपी के पास एयरलाइन्स के लिए नये खरीदार की तलाश के लिए अधिकतम 270 दिन का समय है. आरपी कंपनी की संपत्ति बेचकर देनदारियों के भुगतान की प्रक्रिया शुरू होने से पूर्व संकट का हर संभव समाधान तलाशना होगा. आरपी को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के समक्ष पाक्षिक (15 दिन पर) रिपोर्ट प्रस्तुत कर प्रगति की जानकारी देनी होगी.
बता दें कि जेट एयरवेज की उड़ानें वित्तीय संकट के कारण अप्रैल से ही बंद हैं. जिससे कंपनी के 22 हजार कर्मचारी सड़क पर आ गए थे. अचानक बेरोजगार हुए कर्मचारियों ने सरकार से एक माह का वेतन दिलाने की अपील की थी. जेट के सीईओ ने कर्मचारियों को पत्र लिख सैलरी देने के लिए बैंकों द्वारा कर्ज देने से साफ-साफ मना कर दिए जाने की जानकारी दी थी. दुबे ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया था.