September 22, 2024

जेडीयू को मिला लालू का न्योता, 24 घंटे में दूसरी बार मांझी से मिले नीतीश कुमार

लोकसभा चुनाव खत्म हो चुके हैं लेकिन बिहार में सियासी उठापटक जारी है। केंद्र की मोदी सरकार में शामिल न होने के बाद से गठबंधन सहयोगियों के बीच तल्खी की खबरें सामने आ रही हैं जबकि उच्च नेतृत्व का कहना है कि सबकुछ ठीक है। राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं इसके मद्देनजर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने अपने पुराने दोस्त नीतीश कुमार के सामने दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। सोमवार को राजद नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि नीतीश का महागठबंधन में वापस आना अच्छा विकल्प है। हालांकि जनता दल यूनाइटेड (जदयू) का कहना है कि वह एनडीए का हिस्सा है।

बिहार में लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा और जदयू ने मिलकर चुनाव लड़ा था। जिसके कारण राजद को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली। वहीं 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान इसका उलट हुआ था। तब जदयू, राजद और कांग्रेस महागठबंधन ने चुनाव लड़ा था और भाजपा को हार मिली थी। रघुवंश ने कहा, ‘यदि नीतीश कुमार अन्य क्षेत्रीय पार्टियों के साथ हमारी तरफ आते हैं तो इससे भाजपा को हराने में मदद मिलेगी। राजनीति में कुछ भी हो सकता है। किसी ने भी लिखित में नहीं दिया है कि नीतीश महागठबंधन में वापसी नहीं कर सकते हैं।’

नीतीश ने की जीतन राम मांझी से मुलाकात

रविवार को जदयू ने इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था। जिसमें राज्य के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, जीतन राम मांझी, रामविलास पासवान अपने बेटे चिराग के साथ पहुंचे थे। इसके अलावा सोमवार को हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के मुखिया जीतन राम मांझी ने भी इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था। जिसमें राबड़ी देवी, तेजप्रताप यादव और नीतीश कुमार ने शिरकत की। नीतीश की अपने विरोधी मांझी के साथ यह 24 घंटे में दूसरी मुलाकात थी। जिससे कि सियासी गलियारों में दोनों के बीच खिचड़ी पकने की आशंका जताई जा रही है। वहीं मुलाकात के दौरान राबड़ी ने कहा कि उन्हें महागठबंधन में नीतीश की वापसी से कोई ऐतराज नहीं है। लेकिन महागठबंधन मिलकर इसका फैसला करेंगे।

मोदी सरकार में जदयू का कोई मंत्री शामिल नहीं

केंद्र की मोदी सरकार मे जदयू कोटे से एक सांसद को मंत्री बनाया जाना था। मगर नीतीश कुमार ने इस ऑफर को ठुकरा दिया था। इसके कुछ दिन बाद जदयू ने राज्य में अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया। जिससे गठबंधन सहयोगियों भाजपा और एलजेपी (लोक जनशक्ति पार्टी) को दूर रखा गया। इसी कारण जदयू और भाजपा के बीच सब ठीक न होने की अटकलें तेज हो गई हैं। हालांकि जदयू ने इस तरह की खबरों को सिरे से खारिज करते हुए सब ठीक होने की बात कही है। 

कांग्रेस और राजद ने उठाए सवाल

राजद के प्रवक्ता मनोज झा का कहना है कि वर्तमान परिस्थिति दिखाती है कि लोगों के साथ धोखा हुआ है। उन्होंने कहा, ‘बेशक यह दोनों पार्टियों के बीच का मामला है लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि इन दोनों पार्टियों ने बिहार के लोगों को धोखा दिया है। इसी वजह से इन दोनों पार्टियों के राजनीतिक खींचतान का असर लोगों पर पड़ेगा।’ वहीं कांग्रेस नेता तारिक अनवर का कहना है कि केंद्र में जदयू का प्रतिनिधित्व न होना दिखाता है कि दोनों के बीच सबकुछ ठीक नहीं है। उन्होंने कहा, ‘नीतीश ने भाजपा को सबक सिखाया है। उन्होंने जदयू को कैबिनेट में जगह नहीं ही और उन्होंने बिहार कैबिनेट के मंत्रीमंडल विस्तार से भाजपा को दूर रखा।’


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