दलाईलामा से आर्शीवाद लेने वालों में अमेरिकी सबसे आगे
पिछले 60 वर्षों से शरणार्थी जीवन जी रहे शांति के दूत तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा से धर्मशाला में एक साल में 71 देशों के 4000 से अधिक लोग मिलने पहुंचे और उनका आशीर्वाद लिया। वर्ष 2018 में आध्यात्मिक शांति पाने के लिए अमेरिकी नागरिकों ने सबसे ज्यादा यहां का रुख किया।सुरक्षा एजेंसियों के पुख्ता सूत्रों के अनुसार अमेरिका से करीब 900, ताईवान से 330, वियतनाम से 329, मंगोलिया से करीब 245 लोग दलाईलामा से मिलने आए। धर्मगुरु दलाईलामा ग्लोबल आइकन बन चुके हैं।
हर देश के लोग उनसे मिलने के लिए उत्सुक रहते हैं। दलाईलामा को अलगाववादी मानने वाले चीन से भी पिछले वर्ष करीब 255 लोग उनसे मिलने पहुंचे। हिंसाग्रस्त देशों इराक और सीरिया के लोगों ने धर्मगुरु के पास आकर शांति का पाठ पढ़ा।
इन देशों के अनुयायी मिलने आए धर्मशाला
कनाडा, फ्रांस, रशिया, आस्ट्रेलिया, मंगोलिया, थाईलैंड, स्विट्जरलैंड, जर्मनी से भी अनुयायी यहां पहुंचे। स्पेन, जापान, पोलैंड, डेनमार्क, इजराइल, म्यांमार, ब्राजील, अफगान, सूडान, अफ्रीका, ट्यूनीशिया, नाइजीरिया, टर्की, मिस्र, स्वीडन, हंगरी, ओमान, उजबेकिस्तान, कजाकिस्तान, कतर, रोमानिया सहित करीब 71 देशों के लोगों ने धर्मशाला आकर बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा से शांति का पाठ पढ़ा।
एसएसपी कांगड़ा संतोष पटियाल ने कहा कि धर्मगुरु दलाईलामा वैश्विक व्यक्तित्व हैं। उनसे हर देश के लोग मिलने के लिए आते हैं। एक सुरक्षा एजेंसी के अधिकारी ने बताया कि पिछले वर्ष दलाईलामा से धर्मशाला में अमेरिका के लोग सभी देशों के मुकाबले सबसे ज्यादा मिलने आए।