मौसम सहित पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं की वजह से राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण का स्तर रविवार को भी खतरनाक स्तर पर बरकरार रहा ।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 423 रिकॉर्ड किया गया। जबकि पीएम (2.5) 299 और पीएम (10) 477 रिकॉर्ड किया गया।
सीपीसीबी के मुताबिक, दिल्ली के 28 क्षेत्रों में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर रहा। जबकि सात जगहों पर वायु गुणवत्ता का स्तर बेहद खराब रहा। दोपहर बाद चार बजे दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 405 था ।
जबकि गाजियाबाद 440, फरीदाबाद 461, गुरुग्राम 349 जबकि ग्रेटर नोएडा में यह आंकड़ा 436 था। दिल्ली में भारी और मध्यम दर्जे के माल वाहक वाहनों को प्रतिबंधित करने के बाद शनिवार को प्रदूषण का स्तर बेहद खराब की श्रेणी में पहुंचा था।
लेकिन राजधानी की हवा एक बार फिर खतरनाक स्तर पर है। एनसीआर के कई शहरों का सूचकांक दिल्ली से अधिक है। दिनोंदिन खराब होती हवा की गुणवत्ता से न केवल प्रदूषण का ग्राफ बढ़ रहा है, बल्कि सेहत को होने वाले नुकसान का खतरा भी लगातार बढ़ रहा है।
सड़कों पर पानी का छिड़काव जारी
प्रदूषण के स्तर में कमी लाने के लिए एमसीडी की ओर से सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है। जबकि निर्माण कार्यों को भी रोकने के आदेश हैं। बावजूद इसके पीएम 2.5 और पीएम 10 की बढ़ोतरी से लेागों की मुश्किलें बरकरार हैं। हवा में धूलकणों की बढ़ती मात्रा की वजह से सांस लेने में भी लोगों की तकलीफें बढ़ती जा रही हैं।
हवा की रफ्तार बढ़े तो सुधर सकते हैं हालात
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेटरोलॉजी (आईआईटीएम) के मुताबिक पराली जलाने और मौजूदा मौसम की वजह से पीएम 2.5
के साथ-साथ प्रदूषण भी बढ़ रहा है। अगर, हवा की रफ्तार तेज हो जाए तो हालात में कुछ सुधार होने की उम्मीद की जा सकती है।
दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर आज रात तक प्रतिबंध
उत्तर पश्चिमी राज्यों में बृहस्पतिवार को पराली जलाने की 2100 से अधिक घटनाएं दर्ज की गईं। इस दौरान वायु गुणवत्ता सूचकांक भी साल के सर्वाधिक 642 के स्तर पर पहुंच गया।
नाजुक हालात को देखते हुए पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (इपीसीए) ने निर्माण कार्यों पर रोक लगाने सहित ट्रकों के दिल्ली में प्रवेश पर पाबंदी 12 नवंबर तक बढ़ा दी है। यानी आज रात तक दिल्ली में व्यावसायिक वाहनों का प्रवेश बंद रहेगा।