September 22, 2024

दिल्ली से मुंबई सिर्फ 10 घंटे में, कोलकाता 12 घंटे में, ये है रेलवे का 100 दिन का एजेंडा

रेल मंत्रालय की योजना कारगर हुई तो दिल्ली से मुंबई और दिल्ली से हावड़ा जैसे व्यस्त रूट पर यात्रा के समय में पांच घंटे से ज्यादा तक की जबरदस्त कमी आ सकती है. रेलवे करीब 14,000 करोड़  रुपये के निवेश से अगले चार साल में बुनियादी ढांचे पर निवेश की बड़ी योजना पर काम करेगा. इस योजना पर काम शुरू करना रेलवे के 100 दिन के एजेंडे में शामिल है.

रेल मंत्रालय के 100 दिन के एजेंडे में कुल 11 प्रस्ताव रखे गए हैं, जिनमें से एक ट्रेन ट्रैवल का समय काफी घटाना भी शामिल है. इस योजना पर काम 31 अगस्त से पहले शुरू कर देने का प्रस्ताव है. गौरतलब है कि दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई रूट फिलहाल रेलवे का सबसे व्यस्त मार्ग है. इन पर कुल माल वाहन का करीब 30 फीसदी हिस्सा जाता है.

दिल्ली से हावड़ा 12 घंटे में

फिलहाल सबसे तेज ट्रेन दिल्ली से हावड़ा 17 घंटे में पहुंचाती है, जबकि दिल्ली से मुंबई तक की सबसे तेज ट्रेन 15.5 घंटे का समय लेती है. प्रस्ताव के मुताबिक दिल्ली से हावड़ा 12 घंटे में और दिल्ली से मुंबई का सफर 10 घंटे में पूरा करने की कोशिश की जाएगी.  इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति के पास मंजूरी के लिए भेजा जा रहा है.

प्रस्ताव के मुताबिक, रेलवे इन रूट पर ट्रेनों की स्पीड मौजूदा 130 किमी प्रति घंटे से बढ़ाकर 160 किमी प्रति घंटे तक करेगा.

न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश पर सभी मंत्रालयों के द्वारा 100 दिन का एजेंडा तैयार किया जा रहा है. नई दिल्ली-हावड़ा रूट (1,525 किमी) पर स्पीड बढ़ाने के प्रोजेक्ट पर 6,684 करोड़ रुपये और दिल्ली-मुंबई रूट (1,483 किमी) पर 6,806 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. मंजूरी के चार साल के भीतर इस परियोजना को पूरा कर लिया जाएगा.

100 दिन के एजेंडे के तहत रेलवे के लिए 10 अन्य लक्ष्य तय किए गए हैं. इनमें ‘गिव अप इट अप’ योजना को भी आगे बढ़ाने की बात है जो रेल मंत्री पीयूष गोयल ने घोषित किया था. इसके तहत समर्थ लोगों को ट्रेन टिकट पर सब्सिडी छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करने की बात है. अभी भी बहुत से वरिष्ठ नागरिक सब्स‍िडी छोड़ते देखे जा रहे हैं. इस योजना के बारे में सभी मीडिया प्लेटफॉर्म पर व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.

निजीकरण की योजना

इसके अलावा रेलवे में कुछ रूट निजी क्षेत्र को सौंपने की बात भी 100 दिन के एजेंडे में शामिल है. प्रस्ताव के मुताबिक 100 दिन के भीतर रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (RFP) और रिक्वेस्ट फॉर क्वोट (RFQ) के द्वारा महत्वपूर्ण टूरिस्ट स्पॉट वाले रूट पर दो ट्रेन चलाने का काम निजी क्षेत्र को सौंपा जाएगा.

इसके अलावा, रेलवे के लिए डिजिटल कॉरिडोर, सभी 6,485 रेलवे स्टेशन पर वाईफाई, 2023 तक सभी मानवरहित क्रॉसिंग को खत्म करने, एडवांस सिगनलिंग सिस्टम, 50 रेलवे स्टेशनों का फिर से विकास, रेलवे बोर्ड का पुनर्गठन और टेक्नोलॉजी में बदलाव शामिल है.


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