पी चिदंबरम के अलावा कई और नेताओं की गिरफ्तारी भी खूब सुर्खियों में रही
चिदंबरम की गिरफ्तारी के साथ ही सियासी हलकों में खलबली मची हुई है। बाहर का तापमान भले ही ठंडा हो लेकिन राजनीति का पारा दिनों-दिन गर्म और सुर्ख होता जा रहा है। लेकिन सिर्फ चिदंबरम ही नहीं कई ऐसे चर्चित चेहरे भी हैं जो गिरफ्तार हुए और जिनकी गिरफ्तारी कई दिनों तक सुर्खियों में रही। इन चर्चित गिरफ्तारियों में तो कईयों के नाम हैं लेकिन कुछ ऐसे चेहरे हैं जिनकी गिरफ्तारी से पहले या बाद में राष्ट्रीय राजनीति में तहलका मच गया।
करूणानिधि
साल 2001 के जुलाई महीने में डीएमके प्रमुख करुणानिधि को उनके आवास से करीब रात दो बजे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। चेन्नई में हुए पुल निर्माण मामले में उनपर भ्रष्टाचार के आरोप थे।
लालू प्रसाद यादव
रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने राष्ट्रीय जनता दल के नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले में दोषी पाया। जिसके बाद उन्हें पांच साल की जेल की सजा हुई साथ ही उनपर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। लालू प्रसाद यादव समेत 50 लोगों को चारा खरीदने के लिए नकली बिल और वाउचर इस्तेमाल कर कोष से 37 करोड़ रुपये निकालने का दोषी पाया गया। ये तीसरा चारा घोटाला है जिसमें लालू दोषी पाए गए।
बंगारू लक्ष्मण
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण को 2001 तहलका स्टिंग मामले में भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत दोषी पाया गया। ये मामला कथित हथियार सौदे से संबंधित था। साल 2012 में उन्हें दिल्ली की सीबीआई कोर्ट ने 4 साल की सजा सुनाई।
ए राजा
यूपीए सरकार में दूरसंचार मंत्री रहे ए राजा को 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में फरवरी 2011 में गिरफ्तार किया गया था ।
सुखराम
पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में दूरसंचार मंत्री रहे सुखराम पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे। सीबीआई ने 1996 में सुखराम के औपचारिक निवास से बैग और सूटकेस में 3.6 करोड़ रुपये की छिपी हुई नकदी बरामद की. 2002 में दिल्ली कोर्ट ने उन्हें दोषी पाया और तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। सुप्रीम कोर्ट ने 18 नवंबर, 2011 को इस फैसले को कायम करके रखा और सुखराम को पांच साल की जेल की सजा सुनाई।
येदियुरप्पा
कर्नाटक के मुख्मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता बीएस येदियुरप्पा को सरकारी भूमि घोटाले में जेल जाना पड़ा था. येदियुरप्पा को 15 अक्तूबर, 2011 को गिरफ्तार किया गया था। विशेष लोकायुक्त अदालत ने उन्हें सरकारी भूमि को दर्शाने में कथित अनियमितताओं में आरोपी पाया। सीने में दर्द के कारण उन्हें 16 अक्तूबर को अस्पताल भेजा गया। इसके बाद वह 17 तारीख को जेल वापस आ गए और उन्हें उसी शाम दोबारा दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया गया। 25 दिन जेल में बिताने के बाद वह 8 नवंबर, 2011 को रिहा हो गए।
सुरेश कलमाड़ी
25 अप्रैल, साल 2011 में कॉमनवेल्थ घोटाले के आरोप में सीबीआई ने सुरेश कलमाड़ी को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद वह देश की सबसे बड़ी जेल में भी गए। कलमाड़ी को खेल से संबंधित पुरस्कारों में धोखाधड़ी, षड्यंत्र और भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली के जेल में 9 महीने बिताने के बाद कलमाड़ी को 2012 की शुरुआत में तिहाड़ भेज दिया गया।
अमर सिंह
राज्य सभा सांसद और पूर्व समाजवादी नेता अमर सिंह को 6 सितंबर, 2011 को नोट फॉर वोट मामले में 13 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया। अमर सिंह समेत अन्य दो आरोपियों को गिरफ्तारी के लिए 19 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया। जिसके बाद अमर सिंह को तीस हजारी कोर्ट ने आंतरिक राहत देते हुए 19 सितंबर तक के लिए जमानत बढ़ा दी थी।
ये वो बड़े नेता हैं जिनकी गिरफ्तारियों ने सुर्खियां बटोरीं जिनमें अब पी. चिदंबरम का नाम भी शामिल हो गया है।