मछुआरा एक ही झटके में हुआ मालामाल, जाल में फंसी एक करोड़ की घोल मछलियां
ऊपर वाला जब देता है तो छप्पर फाड़के देता है, ये कहावत हम सब ने सुनी है। इसी तरह की खबर गुजरात से आई है जहां पर मछुआरों का एक समूह एक ही झटके में करोड़पति बन गया। कानजीभाई पोलाभाई बारैया सामान्य मछुआरा है। उनका आठ लोगों का समूह है जो रामप्रसाद नामक बोट के जरिए मछलियां पकड़ कर गुजारा करता है। इन मछुआरों का समूह समुद्र में मछली पकड़ने गया। इन लोगों ने चार जाल पानी में डाले जिसमें से एक ही जाल में घोल मछलियों का झुण्ड फंस गया। उस जाल में
1101 मछलियां फंसी जिनकी कीमत लगभग 1.10 करोड़ रुपये बताई जा रही है। बीस सालों में पहली बार इस क्षेत्र के मछुआरों के साथ इस तरह की घटना हुई है।
अरब सागर के इस क्षेत्र में गुजरात और महाराष्ट्र के मछुआरे मछलियां पकड़ने जाते हैं। कानजीभाई जाफराबाद-अमरेली से समुद्र में लगभग 42 नॉटिकल मील की दूरी पर थे। समुद्र में मछली पकड़ने के लिए चार जाल फेंके। इनमें से एक जाल में घोल मछलियों का पूरा झुंड फंस गया जिससे उनकी पूरी नाव भर गई।
घोल मछली का लीवर होता है विदेशों में निर्यात
घोल मछली के लीवर को विदेश में निर्यात किया जाता है। सर्जरी के दौरान इस्तेमाल होने वाले धागे में इसका प्रयोग होता है जिसकी वजह ये मछली कीमती होती है। इसका मांस 250 से 300 रुपए किलो में बिकता है। इस एक मछली को बेचकर 10-11 हजार रुपये हाथ में आ जाते हैं।