मोदी को ‘नीच आदमी’ बताने वाले बयान पर मणिशंकर अय्यर ने पूछा- क्या मैं सही नहीं था?
कांग्रेस पार्टी के नेता मणिशंकर अय्यर लोकसभा चुनाव 2019 के सातवें और आखिरी चरण के मतदान से पहले एक बार फिर सुर्खियों में हैं। दरअसल उन्होंने सोमवार को एक अंग्रेजी वेबसाइट के लिए लेख लिखकर अपने साल 2017 के एक विवादित बयान को सही ठहराया है। अपने बयान में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए ‘नीच किस्म का आदमी’ शब्द इस्तेमाल किए थे।बता दें साल 2017 में मणिशंकर अय्यर ने मीडिया से बात करते हुए प्रधानमंत्री मोदी के लिए अपमानजनक शब्द कहे थे। उस समय उनके इस बयान की कांग्रेस पार्टी समेत अन्य सभी दलों ने आलोचना भी की थी। इसके बाद मणिशंकर अय्यर पार्टी से निलंबित कर दिया गया था, बाद में उन्होंने अपने इस बयान के लिए माफी भी मांगी थी। हालांकि ताजा लेख में मणिशंकर अय्यर ने अपने उस बयान को सही ठहराते हुए सवाल किया है कि याद है 2017 में मैंने मोदी को क्या कहा था? क्या मैंने सही भविष्यवाणी नहीं की थी?
लेख में मोदी के बालाकोट हमले पर दिए बयान का भी जिक्र
अपने ताजा लेख में अय्यर ने मोदी की हालिया रैलियों और साक्षात्कारों में दिए बयानों का भी जिक्र किया है। इसके साथ ही मोदी की शैक्षिक पृष्ठभूमि बताते हुए उन्होंने भगवान गणेश की ‘प्लास्टिक सर्जरी’ और उड़नखटोलों को प्राचीन विमान बताने वाले मोदी के बयानों को ‘अज्ञानता भरे दावे’ भी कहा है। इसके अलावा अय्यर ने मोदी के उस साक्षात्कार का भी उल्लेख किया है जिसमें उन्होंने बालाकोट हमले के समय बादल छाए रहने पर वायुसेना के विमानों के रडार पर न दिखने का लाभ उठाने की सलाह दी थी।
अय्यर ने उस बयान की भी आलोचना की जिसमें मोदी ने कहा था दिसंबर 1987 में राजीव गांधी आईएनएस विराट को पर्सनल टैक्सी की तरह लक्षद्वीप ले गए थे। ठीक इसी के बाद अय्यर ने लिखा है- याद है 2017 में मैंने मोदी के बारे में क्या कहा था? क्या मैंने सही भविष्यवाणी नहीं की थी? मणिशंकर अय्यर ने अपने लेख में लिखा है कि मैं जान गया हूं कि आखिर क्यों मोदी के मन में पंडित जवाहर लाल नेहरू के लिए इतनी नफरत है । उन्होंने लिखा कि नेहरू ने कैंब्रिज विश्वविद्यालय से विज्ञान विषय में उपाधि हासिल की थी । इसी कारण से वे भारत और भारतियों को उनके अंधविश्वासों से उबारना चाहते थे । जबकि हमारे मौजूदा प्रधानमंत्री मोदी ‘उड़नखटोला’ जैसी पौराणिक बातों पर विश्वास करते हैं । अय्यर ने आगे लिखा कि इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के पास विश्वविद्यालय की डिग्री नहीं थी, शायद यह अच्छा रहा क्योंकि वे दोनों महान प्रधानमंत्री रहे ।