यूपी के सहारनपुरबिजनौर को उत्तराखण्ड में मिलने का सच
देहरादून उत्तर प्रदेश के दो जिलों को उत्तराखंड में मिलाने की चर्चा इन-दिनों जोरों पर हैं। यही नहीं यूपी के तीन जिलों को हरियाणा में शामिल करने भी खबरें फैल रही हैं। इसके चलते उत्तर प्रदेश के पांच जिलों के लोगों में हड़कंप है। सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई जा रही हैं, लेकिन उत्तराखंड सरकार ने इस अफवाह पर विराम लगाया है।
दरअसल, इस अफवाह में यह फैसला जा रहा था कि मोदी सरकार ने यह फैसला लिया है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों के अलावा सचिव स्तर के अफसरों के साथ बैठक भी हो चुकी है। अफवाह में दावा किया गया है कि उत्तर प्रदेश के सहारनपुर और बिजनौर को उत्तराखंड और शामली, मुजफ्फरनगर और मेरठ को हरियाणा में शामिल किया जाएगा।
तर्क दिया जा रहा था कि उत्तर प्रदेश के विभाजन की मांग इससे खत्म हो जाएगी। हरित प्रदेश का मुद्दा समाप्त हो जाएगा। उत्तर प्रदेश में दो क्षेत्रीय पार्टी सपा, बसपा कमजोर होगी। क्योंकि उत्तर प्रदेश के ये पांचों जिले दलित तथा मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र हैं, जो उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके विपरीत सहारनपुर-बिजनौर के उत्तराखंड में जाने से यह उत्तराखंड में भी सरकार बनाने की स्थिति में नहीं होंगे। यानी अफवाह को सही ठहराने के लिए पूरी तरह मनगढ़ंत बातों से बुना गया था।
अब उत्तराखंड सरकार ने अफवाहों के इस बाजार पर विराम लगाया है। उत्तराखण्ड में यूपी के दो जिले मिलाने की अफवाह पर सरकार का बयान आया। मीडिया से बातचीत में सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री मदन कौशक ने बताया दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी जिले को जोड़ने या हटाने का कोई इरादा नहीं है। जनता सोशल मीडिया की अफवाहों पर ध्यान न दें।